Pauranik Kathayen : महिलाओं को इसलिए हर महीने होता है मासिक धर्म, इंद्रदेव ने दिया था श्राप
चंडीगढ़, 20 जनवरी (ट्रिन्यू)
Pauranik Kathayen : महिलाओं को हर महीने पीरियड्स यानि मासिक धर्म की समस्या से जूझना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को ना सिर्फ असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है बल्कि उन्हें धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ आदि करने की भी मनाही होती है। ऐसे में महिलाओं के मन में सिर्फ एक ही सवाल आता है कि उन्हें मासिक धर्म क्यों होते हैं।
क्या आप जानती हैं कि महिलाओं को मासिक धर्म एक श्राप की वजह से शुरू हुआ? देवराज इंद्र ने महिलाओं को मासिक धर्म का श्राप दिया था, जिसके कारण उन्हें हर महीने इस समस्या का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कहानी...
भागवत पुराण में जिक्र मिलता है कि एक बार देवगुरु बृहस्पति देवराज इंद्र से क्रोधित हो गए थे। इसका फायदा उठाकर राक्षसों ने स्वर्गलोक पर हमला कर दिया और इंद्रलोक पर अपना कब्जा कर लिया। इसके बाद इंद्र को अपनी गद्दी छोड़कर भागना पड़ा। तब इंद्रदेव व सभी देवता भगवान ब्रह्मा जी के पास मदद मांगने गए।
ब्रह्मा जी ने समाधान बताते हुए इंद्रदेव से किसी ब्रह्मज्ञानी की सेवा करने के लिए कहा। ब्रह्मादेव ने कहा कि इससे तुम्हें अपना सिंहासन वापिस मिल जाएगा। ब्रह्मादेव की आज्ञा पाकर इंद्रदेव एक अति ब्रह्मज्ञानी की सेवा में लग गए। मगर, तब उन्हें यह नहीं पता था कि उस ब्रह्मज्ञानी की माता भी एक असुर थी, जो इंद्रदेव की तपस्या में खलल डाल रही थी, ताकि उन्हें सिंहासन ना मिले।
इस बात का पता चलते ही क्रोधित इंद्र ने ब्रह्मज्ञानी की हत्या कर दी, जिससे उन्हें ब्रह्म हत्या का पाप लग गया। फिर वह पाप इंद्र का पीछा करने लगा, जिससे वो परेशान हो गया। इससे पीछा छुड़ाने के लिए इंद्रदेव ने कई सालों तक भगवान विष्णु की तपस्या की। तब भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए। इंद्रदेव ने उनसे ब्रह्महत्या से मुक्ती का वरदान मांगा।
भगवान विष्णु जी ने इंद्र से अपने पाप को कई हिस्सों में बांटने के लिए कहा। इंद्र ने अपने पाप का थोड़ा-थोड़ा अंश वृक्ष, धरती, जल और स्त्री में बांट दिया। पौराणिक मतों के अनुसार, स्त्रियां आज भी ब्रह्म हत्या का पाप आज भी झेल रही हैं, इसलिए उन्हें इस दौरान मंदिर में जाने की अनुमति नहीं होती है। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो मासिक धर्म एक जैविक प्रक्रिया है, जो महिलाओं को गर्भधारण के लिए तैयार करती हैं।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।