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Pauranik Kathayen : इसलिए नजरें झुकाकर रखते हैं न्याय देवता, शनिदेव को पत्नी ने दिया था यह श्राप

07:01 PM Jan 17, 2025 IST
pauranik kathayen   इसलिए नजरें झुकाकर रखते हैं न्याय देवता  शनिदेव को पत्नी ने दिया था यह श्राप
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चंडीगढ़, 17 जनवरी (ट्रिन्यू)

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Pauranik Kathayen : शनिदेव को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण देवता माना जाता है। दुनिया भर में लाखों लोग उनकी पूजा करते हैं। वह अपने निष्पक्ष और न्यायपूर्ण स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि वे व्यक्ति के कार्यों के आधार पर अच्छी और बुरी किस्मत दोनों लाते हैं। श्रद्धालु भगवान शनि को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए प्रार्थना व अनुष्ठान करते हैं।

शनिदेव की 8 पत्नियों का रहस्य

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हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार शनिदेव की 8 पत्नियां हैं, जिनके नाम ध्वजिनी, धामिनी, कंकाली, कलहप्रिया, कांतिकी, तुरंगी, महिषी और अजा है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि शनिदेव की पत्नियां वास्तव में नीलमंडा के आठ रूप हैं। ये रूप मुख्य पत्नी नीलमंडा में मौजूद गुणों और विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कुछेक का मानना ​​है कि अगर आप शनिवार को शनिदेव की पत्नियों के नाम का जाप करते हैं, तो आप जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों से बच सकते हैं। ऐसे में अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको उनके नाम का जाप करना चाहिए।

पत्नी ने दिया था यह श्राप

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, शनिदेव की दूसरी पत्नी धामिनी ने उन्हें श्राप दिया था। जब वे भगवान शिव का ध्यान कर रहे थे, तब उन्होंने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया था। ब्रह्मपुराण के अनुसार, धामिनी एक बेटा चाहती थी। इसके लिए वह शनिदेव से प्रार्थना कर रही थी लेकिन वह भगवान शिव के ध्यान में रमे हुए थे। जब धामिनी ने उन्हें पुकारा, तो उन्होंने नहीं देखा। इससे क्रोधित होकर श्राप दे दिया कि जो कोई भी उनकी तरफ देखेगा, उसके जीवन में परेशानी और नकारात्मक प्रभाव होंगे।

इसलिए नजरें नीची रखते हैं शनिदेव

कथाओं अनुसार, ध्यान करने के बाद शनिदेव ने धामिनी से माफी मांगी, लेकिन उसने श्राप वापिस नहीं लिया। अपने भक्तों को परेशानी से बचाने के लिए शनि ने अपना सिर नीचे रखने और कभी उनकी ओर न देखने का फैसला किया। शनि देव कर्म के देवता हैं । वह अनुशासन, तपस्या और आध्यात्मिक तप से जुड़े हैं। वे गलत काम करने वालों को दंडित व अच्छे काम करने वालों को पुरस्कृत करते हैं।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। Dainiktribuneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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