Pauranik Kathayen: श्राप के कारण एक-दूजे से विवाह नहीं कर पाए राधा-कृष्ण, पढ़िए पूरी कहानी
चंडीगढ़, 21 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Pauranik Kathayen: आज भी जब लोग श्रीकृष्ण के साथ राधा रानी का जयकारा जरूर लगाते हैं क्योंकि राधा के बिना श्रीकृष्ण अधूरे हैं। श्री राधाकृष्ण का सच्चा प्रेम दुनिया के मिसाल है, जिन्होंने एक- दूसरे से इतना प्यार होने के बावजूद भी शादी नहीं की।
जी हां, पृथ्वी लोक में अपने प्रवास के दौरान श्री कृष्ण ने राधा से विवाह नहीं किया। इसकी बजाए, उन्होंने रुक्मिणी और सत्यभामा से विवाह किया। ऐसे में भक्त आश्चर्य करते हैं कि कृष्ण ने राधा से कभी विवाह क्यों नहीं किया, जिसे वे बहुत प्यार करते थे और जो उनसे प्यार करती थी।
क्यों नहीं की श्री राधा-कृष्ण ने शादी?
मान्यता है कि जब राधारानी ने श्रीकृष्ण से विवाह के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। कारण पूछने पर नंदलाल ने मुस्कुराहट के साथ कहा, "कोई अपनी आत्मा से कैसे विवाह कर सकता है।" राधा और कृष्ण कभी दो नहीं थे। वास्तव में, वे एक ही थे इसलिए, जब कृष्ण और राधा एक थे तो उनका विवाह कैसे हो सकता था?
एक अन्य मान्यता के अनुसार, राधा जीवात्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं जबकि श्री कृष्ण परमात्मा हैं। राधा का निस्वार्थ प्रेम भक्ति का सर्वोच्च रूप था और इसलिए, वह खुद को समर्पित करके श्री कृष्ण में विलीन हो गईं। चूंकि वह उनके साथ एक हो गई थीं, इसलिए विवाह की कोई आवश्यकता नहीं थी।
राधा को मिला था श्रीकृष्ण भक्त से श्राप
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार राधा जी की और श्रीकृष्ण के भक्त श्रीद्धमा छिड़ गई और गुस्से में राधा ने श्रीद्धमा को राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप दे दिया। वहीं, श्रीद्धमा ने भी राधा को 100 वर्षों तक अपने प्रेमी से वियोग सहने का श्राप दे दिया। कहा जाता है कि राधा अपनी सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद श्रीकृष्ण से मिली थीं। अपने आखिरी क्षण में वह श्रीकृष्ण की धुन सुनते-सुनते उनमें ही विलिन हो गई थी।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।