डांस का जुनून, हौसले बुलंद और कैंसर हो गया पस्त
ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 6 नवंबर
ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित लव शर्मा ने जिंदगी को जिंदादिली से सलाम किया है। डांसर लव बताते हैं कि 8 जनवरी, 2014 की सुबह की याद से आज भी कंपकंपी छूट जाती है। उन्हें चक्कर आया और वह बाथरूम में गिर पड़े। तमाम जांच के बाद डॉक्टरों ने ब्रेन ट्यूमर बता दिया।
लव शर्मा कहते हैं, ‘डाक्टरों ने मुझे बेड रेस्ट की सलाह दी। मेरा पैशन डांस था। मैंने डांस करना और सिखाना और तेज कर दिया। मैं पहले हर राष्ट्रीय पर्व पर जहां 50 बच्चों के साथ स्टेज पर डांस करता था। अब 200 बच्चों को अभ्यास करवाया और खुद भी डांस किया।’ वह कहते हैं कि दो महीने बाद मेरी बीमारी 20 प्रतिशत ठीक हो गयी। इसके बाद तो वह डांस में ऐसे डूबे कि कैंसर को भूल गए। करीब 25 बार जांच के बाद डाक्टरों ने वर्ष 2018 में उन्हें कैंसर मुक्त घोषित कर दिया। अब लव शर्मा किसी भी कैंसर रोगी से मिलते हैं तो कहते हैं कि जिंदगी जिंदादिली का नाम है। उन्होंने बीमारी को तो मात दी ही, अपनी 30 वर्ष से चल रही डांस एकेडमी में न केवल जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क डांस का प्रशिक्षण देना शुरू किया बल्कि अनाथ आश्रम में जाकर बच्चों को ट्रेनिंग दी। उन्होंने मूक बधिर एक बच्चे को ऐसा तराशा कि उसने नेशनल स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया। नृत्य में माहिर मूक बधिर रसीद खान को यह अवार्ड वर्ष 2018-2019 में भोपाल में मिला।
मिल चुके हैं कई अवार्ड जिंदगी के प्रति जुनून का आलम यह है कि लव शर्मा को अवार्ड पर अवार्ड मिलने लगे। उन्हें 21 मार्च, 2015 को करनाल में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिभा सम्मान समिति द्वारा शान-ए-भारत अवार्ड मिला। अवार्ड देश के महान सपूत चन्द्र शेखर आजाद और भगत सिंह के भतीजों ने दिया। वर्ष 2018 में उन्हें दिल्ली में इंडियन आइडल अवार्ड से नवाजा गया। यह अवार्ड उन्हें उधम सिंह के भांजे खुशीनंद ने दिया। लव शर्मा ने डीडी पंजाबी नेशनल चैनल पर 35 बच्चों के साथ प्रस्तुति दी और इनाम जीता। उन्हें अम्बाला में भारतीय फिल्म जगत की मशूहर कोरियोग्राफर सरोजखान ने भी सम्मानित किया। हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने जैसे कई अवार्ड भी उन्हें मिल चुके हैं। लव शर्मा ने मां बनभौरी, फाट फटाफट और लव यू ड्रीम जैसी फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा दिखाई।
क्या कहते हैं चिकित्सक
उजाला सिगनस अस्पताल के यूनिट हेड डाॅ. जसजीत सिंह कहते हैं किसी भी बीमारी का सबसे बड़ा कारण मानसिक परेशानी होती है। अगर मानसिक रूप से रोगी ठीक होगा तो वह अपनी बीमारी पर काबू पा सकता है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन में ऐसा ही होता है। लव शर्मा इसका इसका एक
उदाहरण है।