Parliament Winter Session: अदाणी मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा, कार्यवाही स्थगित
नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा)
Parliament Winter Session: अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद दोबारा 12 बजे कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन हंगामा बंद नहीं हुआ। इसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
सुबह राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और फिर बताया कि उन्हें अदाणी, मणिपुर और संभल हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कुल 16 नोटिस मिले हैं।
उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अखिलेश प्रताप सिंह, सैयद नासिर हुसैन और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अदाणी समूह के कथित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे।
समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन और रामगोपाल यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम सहित कुछ अन्य सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे जबकि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूचि शिवा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार सहित कुछ अन्य सदस्यों ने मणिुपर में जारी हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए।
सभापति धनखड़ ने सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि सदस्य इन मुद्दों को अन्य प्रावधानों के तहत उठा सकते हैं। इसके तत्काल बाद कांग्रेस के प्रमोद तिवारी के आसन की अनुमति से नियम 267 का हवाला देते हुए अदाणी मुद्दे पर चर्चा की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मुद्दा है और देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है।
सभापति धनखड़ ने तिवारी से कहा कि उनकी कोई भी बात रिकार्ड में नहीं जाएगी। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। तिवारी अपनी बात रख ही रहे थे कि धनखड़ ने 11 बजकर 12 मिनट पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। नियम 267 राज्यसभा सदस्य को सभापति की मंजूरी से सदन के पूर्व-निर्धारित एजेंडे को निलंबित करने की विशेष शक्ति देता है।
अगर किसी मुद्दे को नियम 267 के तहत स्वीकार किया जाता है तो इससे पता चलता है कि यह आज का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है। राज्यसभा की नियम पुस्तिका में कहा गया है, ‘‘कोई भी सदस्य सभापति की सहमति से यह प्रस्ताव कर सकता है। वह प्रस्ताव ला सकता है कि उस दिन की परिषद के समक्ष सूचीबद्ध एजेंडे को निलंबित किया जाए। अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है तो विचाराधीन नियम को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाता है।''