Parliament Winter Session: सड़क हादसों पर गडकरी ने कही बड़ी बात, बोले- ‘गंदे रिकॉर्ड' के कारण मुंह छिपाता हूं
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा)
Parliament Winter Session: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भारत का रिकॉर्ड इतना ‘गंदा' है कि उन्हें विश्व सम्मेलनों में मुंह छिपाना पड़ता है। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि उनके मंत्रालय के तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आई, बल्कि इसमें वृद्धि हो गई।
गडकरी ने कहा, ‘‘जब तक समाज का सहयोग नहीं मिलेगा, मानवीय व्यवहार नहीं बदलेगा और कानून का डर नहीं होगा, तब तक सड़क हादसों पर अंकुश नहीं लगेगा।'' उनके अनुसार, देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हर साल 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत ऐसी दुर्घटनाओं में हो जाती है।
गडकरी ने कहा, ‘‘इतने लोग न लड़ाई में मरते हैं, न कोविड में मरते हैं और न ही दंगे में मरते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं विश्व सम्मेलनों में जाता हूं तो मुंह छिपाता हूं। (दुर्घटनाओं का) सबसे गंदा रिकॉर्ड हमारा है।'' उन्होंने सांसदों से कहा कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें और परिवहन विभाग के सहयोग से स्कूलों आदि में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करें।
गडकरी के मुताबिक, नीति आयोग की रिपोर्ट है कि सड़क हादसों के शिकार 30 प्रतिशत लोगों की मौत जीवन रक्षक उपचार नहीं मिल पाने के कारण होती है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उपचार के लिए कैशलैस योजना लाई गई है। उत्तर प्रदेश में इस पायलट परियोजना की शुरुआत हो रही है, इसके बाद पूरे देश में लागू की जाएगी।''
केंद्रीय मंत्री ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में जहां आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है, उस देश का नाम भारत है। हम इसमें सुधार कर रहे हैं।'' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रयास करें और समाज को जागृत करने का काम करें।
व्यक्तिगत टिप्पणियां नहीं करें सदस्य: बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर की गई विवादित टिप्पणी को बृहस्पतिवार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और सदस्यों से कहा कि वे अपने भाषणों में व्यक्तिगत टिप्पणियां करने से बचें। उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर बुधवार के प्रकरण का उल्लेख किया और कहा कि यह सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है।
बिरला ने कहा, ‘‘सदन में कल जो कुछ हुआ, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी सदस्य को महिलाओं पर विशेष टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यह सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। सदस्यों से अनुरोध है कि उन्हें अपने भाषण में किसी जाति, समाज, महिला, पुरुष पर व्यक्तिगत टिप्पणियों से बचना चाहिए।''
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यहां सहमति, असहमति और सकारात्मक रूप से व्यंग्य हुए हैं, लेकिन ऐसी टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए जो सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं हो। उन्होंने सदन को बताया, ‘‘ सदस्य (बनर्जी) ने सदन में क्षमा मांग ली है और लिखित में मुझे दे दिया है।''
लोकसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद बनर्जी की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर की गई टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार बाधित होने के बाद तीसरी बार दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
बनर्जी ने सदन में ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024' पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल की सरकार को मदद नहीं करने का आरोप लगाया था और जब केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सिंधिया ने उनकी बात का विरोध किया तो दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
इसी बीच, बनर्जी ने सिंधिया के खिलाफ कोई टिप्पणी की और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस सदस्य के कुछ शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। बाद में बनर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए सिंधिया से माफी मांगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने खिलाफ निजी हमले और भारत की महिलाओं के खिलाफ बयान पर विपक्षी सांसद की माफी स्वीकार नहीं कर रहे हैं।