For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Parliament Security Lapse Case : संसद सुरक्षा चूक मामले में नीलम आजाद को मिली जमानत, 18 महीने बाद आई जेल से बाहर

03:42 PM Jul 02, 2025 IST
parliament security lapse case   संसद सुरक्षा चूक मामले में नीलम आजाद को मिली जमानत  18 महीने बाद आई जेल से बाहर
Advertisement

जसमेर मलिक/जींद, 2 जुलाई (हमारे प्रतिनिधि)

Advertisement

Parliament Security Lapse Case : संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार की गई जींद के घासो गांव की नीलम आजाद को करीब 18 महीने बाद जमानत मिली है। नीलम आजाद और उसके एक साथी को शर्तों के साथ 50 हजार के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया गया है। इस दौरान वह दिल्ली नहीं छोड़ेगी। मीडियो को इंटरव्यू नहीं देगी और सोशल मीडिया पर किसी तरह की पोस्ट नहीं करेगी।

हरियाणा भी नहीं आ सकेगी। इस दौरान नीलम आजाद को दिल्ली में ही रहना होगा और सप्ताह में दो दिन संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दी है। इससे पहले उनकी जमानत याचिकाएं ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थीं।

Advertisement

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने जमानत आदेश के तहत सख्त शर्तें लगाई हैं। आरोपियों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने, मीडिया को इंटरव्यू देने या घटना के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर रोक लगाई गई है। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने दोनों व्यक्तियों को प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 10 बजे संबंधित पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उनके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है।

2023 में हुई थी गिरफ्तार

13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। साल 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी दर्शक दीर्घा से नीचे सदन में कूद गए थे। उन्होंने सदन में पीली गैस छोड़ी और नारेबाजी की थी। लोकसभा में मौजूद सांसदों ने उन्हें काबू किया था। वहीं, दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद परिसर के बाहर रंगीन गैस का स्प्रे किया था और नारेबाजी की थी। तभी से आरोपी पुलिस की गिरफ्त में थे।

बाद में नीलम आजाद के वकील ने उसकी जमानत के लिए यचिका लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि नीलम आजाद संसद के बाहर थी, जहां उसने बेरोजगार युवाओं की समस्या को उजागर करने के लिए धुंए के कनस्तर खोले और पर्चे फेंके और वह सोशल मीडिया के माध्यम से जनता का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रही थी। नीलम आजाद ने कहा था कि वह आपराधिक साजिश का हिस्सा नहीं थी। वकील की इस याचिका को खारिज कर दिया गया था। अब कोर्ट ने शर्तों के साथ नीलम आजाद को जमानत दी है।

Advertisement
Tags :
Advertisement