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संसद की सुरक्षा में फिर लगी सेंध

06:47 AM Dec 14, 2023 IST
लोकसभा में बुधवार को पीला धुआं फैलते ही सांसदों में मची अफरातफरी। - ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी)
संसद पर वर्ष 2001 में हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन एक बार फिर लोकतंत्र के इस ‘मंदिर’ की सुरक्षा में भारी चूक सामने आई है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और केन के जरिये धुआं फैला दिया। ठीक उसी समय संसद भवन के बाहर एक महिला और पुरुष ने भी पीला धुआं उड़ाया। इन चारों एवं इनके एक साथी को हिरासत में ले लिया गया है। सदन में करीब एक बजे शून्यकाल के दौरान यह हुआ। दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है। बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि सागर का पास मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की अनुशंसा पर बना था। गौर हो कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 2001 में आज ही के दिन संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी।
सदन में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से दो व्यक्ति सदन में कूदे और इनमें से एक व्यक्ति एक मेज से अगली मेज पर तेजी से कूदते हुए आगे की ओर भाग रहा था। इन लोगों ने केन से सदन में धुआं फैला दिया। सुरक्षाकर्मियों और कुछ सांसदों ने इन्हें घेर लिया। बाद में दोनों को पकड़ लिया गया। घटना के तत्काल बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोनों व्यक्तियों को रोकने और दबोचने में मुस्तैदी दिखाने के लिए सांसदों, सुरक्षाकर्मियों एवं कर्मचारियों की सराहना की।
विपक्ष के अनेक सांसदों ने सवाल उठाया कि ऐसे तो कोई जूते में बम भी रखकर आ सकता है। उधर, संसद में कूदकर अफरातफरी मचाने वाले मनोरंजन के पिता देवराज गौड़ा ने कहा, ‘मेरा बेटा अच्छा लड़का है। वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था।’ इस घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर संसद की सुरक्षा समीक्षा करने का आग्रह कर सकते हैं। सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन का हवाला दिया और भाजपा सदस्य प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दर्शक दीर्घा से कूदने वाले दोनों व्यक्तियों में से एक सागर शर्मा का पास सिम्हा की अनुशंसा पर बना था। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष के साथ बैठक के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में विभिन्न खामियों का जिक्र किया।

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सवाल : कैसे भेदी पांच चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था

इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सदन के अंदर दो लोगों और बाहर दो लोगों ने पांच चक्रीय सुरक्षा व्यवस्था को कैसे भेद दिया। सार्वजनिक दीर्घा में बैठे एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘दर्शक दीर्घा में बैठे हुए प्रदर्शनकारी अचानक सदन में कूदे। जैसे ही प्रदर्शनकारी सदन के कक्ष में कूदे, सांसदों ने उन्हें खदेड़ने की कोशिश की। उन्होंने धुएं से भरा एक डिब्बा (कनस्तर) भी फेंका।’ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उस वक्त दीर्घा में लगभग 30 से 40 दर्शक बैठे थे।

साजिश में कुल 6 लोग : गुरुग्राम में रह रहे थे, कुछ दिन पहले की थी रेकी

दिल्ली पुलिस को शक है कि इस साजिश में पकड़े गए चार लोगों के साथ दो और लोग शामिल थे। सूत्रों ने दावा किया कि सभी छह लोग एक-दूसरे को जानते हैं और गुरुग्राम में एक घर में रह रहे थे। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में छह लोग शामिल थे और इनमें से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है। आरोपी अमोल और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर और मनोरंजन को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया। शक है कि ललित और विशाल उनके साथी हैं। सूत्रों ने बताया कि विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया मंचों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले साज़िश रची थी और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने टोह भी ली थी।

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एक आरोपी नीलम हरियाणा के जींद िजले की मूल निवासी

जींद (जसमेर मलिक/ हप्र)

संसद भवन के बाहर पीला धुआं फैलाने की आरोपी महिला पुलिस हिरासत में। - प्रेट्र

सदन के भीतर हुई घटना के समय ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली कनस्तर के साथ संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले दो लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इनकी पहचान हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर इलाके के अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है। बताया गया कि धुआं छोड़ने वाला कनस्तर खोलने के बाद दोनों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय भीम, जय भारत’ के नारे लगाए। जींद जिले के उचाना के गांव घासो खुर्द की नीलम हरियाणा सिविल सविर्सेज (एचसीएस) की तैयारी के लिए हिसार के पीजी में रह रही थी। नीलम के पिता कोहर सिंह उचाना मंडी में हलवाई का काम करते हैं। नीलम के परिवार में तीन बहनें, दो भाई, माता-पिता हैं। नीलम गांव में लाइब्रेरी चला रही थी और बच्चों को पढ़ाती थी, लेकिन कुछ लोगों के एतराज पर पढ़ाना छोड़ दिया। नीलम किसान आंदोलन से लेकर दूसरे धरने और प्रदर्शनों में भी काफी एक्टिव रही है। नीलम की माता सरस्वती ने बताया कि सुबह बेटी से बात हुई थी और उसने दवा लाने की हिदायत दी थी। उन्होंने आशंका जताई कि हो सकता है कि नौकरी न मिलने से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया हो। अच्छी-खासी पढ़ी-लिखी नीलम बेरोजगारी, छात्राओं के साथ नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही है। वैसे घासो खुर्द के कुछ लोगों पर माओवादी कनेक्शन के आरोप लगते रहे हैं।
साल 2005 में इस गांव में माओवादी गतिविधियां पूरे उफान पर थी। एक घटना के बाद कई युवक-युवतियों पर देशद्रोह समेत कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज हुए थे। डीएसपी स्तर के अधिकारी सतबीर सिवाच को जींद जिले में माओवादी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए विशेष रूप से तैनात किया गया था और स्पेशल पुलिस सेल बनाई गई थी।

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