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पेरिस पैरालंपिक सोनपरी अवनि ने फिर किया कमाल, चांदी-से चमके नरवाल

08:24 AM Aug 31, 2024 IST
मेडल जीतने के बाद प्रसन्न मुद्रा में अवनि लेखरा (बाएं) एवं मोना अग्रवाल। - प्रेट्र

पेरिस, 30 अगस्त (एजेंसी)
पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण समेत चार पदक अपने नाम किये। ‘वंडर गर्ल’ अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। उन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण जीता। इसी स्पर्धा में भारत की मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक पर निशाना साधा। भारत के पैरालंपिक इतिहास में पहली बार दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं।

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मनीष नरवाल

टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता, फरीदाबाद के मनीष नरवाल ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच 1) स्पर्धा में रजत पदक जीता। वहीं, प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से कांस्य पदक जीतकर भारत को पैरालंपिक की ट्रैक स्पर्धा में पहला एथलेटिक्स पदक दिलाया। भारत ने 1984 चरण से एथलेटिक्स में जो भी पदक जीते, वे सभी फील्ड स्पर्धा में हैं।

प्रीति पाल। - रॉयटर्स

जयपुर की रहने वालीं 22 वर्षीय निशानेबाज अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। पैरालंपिक से पहले वह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी पित्त की थैली की सर्जरी हुई, जिसकी वजह से उन्हें डेढ़ महीने ब्रेक लेना पड़ा था। सर्जरी की वजह से उनका काफी वजन भी कम हुआ, लेकिन तमाम कठिनाइयों का डटकर सामना करते हुए उन्होंने पेरिस में भारत का परचम लहराया। अवनि ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, ‘यह बहुत करीबी फाइनल था। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के लिए बहुत कम अंतर था। लेकिन मैं नतीजों के बजाय अपने विचारों पर ध्यान लगा रही थी। मुझे खुशी है कि इस बार भी एरीना में बजने वाला पहला राष्ट्रगान भारत का था। मुझे अभी दो और स्पर्धाओं में हिस्सा लेना है, इसलिए मैं देश के लिए और पदक जीतने पर ध्यान लगाए हूं।’ ग्यारह वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं।
वहीं, मुजफ्फरनगर के किसान की बेटी प्रीति ने पैरालंपिक के दूसरे दिन भारत का एथलेटिक्स पदक का खाता खोला। प्रीति ने कहा, ‘यह मेरा पहला पैरालंपिक है और मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि मैंने पदक जीता है। मुझे फख्र महसूस हो रहा है कि मैंने पैरालंपिक में भारत का पहला ट्रैक पदक जीता।’

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