बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कंधे पर उठा नदी पार करवाने को मजबूर अभिभावक
पिंजौर, 3 अगस्त (निस)
गत माह तेज बारिश से पिंजौर-नालागढ़ एनएच पर पिंजौर ब्लॉक के गांव कीरतपुर और मढ़ांवाला नदियों पर बने पुल टूट गए थे। लगभग एक माह बीतने के बाद भी प्रशासन नदी पर वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं करवा पाया है। मजबूरन अभिभावाकों को प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कंधे पर उठाकर टूटे पुल पर लटकी हुई ब्राडबैंड की तारें पकड़कर उन्हें नदी पार करवानी पड़ रही है।
विशेषकर गांव कीरतपुर का पुल अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसके दूसरी ओर पिंजौर ब्लॉक के न केवल दर्जनों गांव पड़ते हैं बल्कि हिमाचल की फैक्ट्रियों में काम पर जाने वाले दैनिक यात्रियों को भी इसी पुल से होकर पिंजौर, पंचकूला या चंडीगढ़ आना-जाना पड़ता है। बृहस्पतिवार सुबह टूटे पुल के पर से बच्चों को कंधे पर उठाकर नदी पार करवाते हुए कई अभिभावकों को देखा गया। पिंजौर ब्लॉक के गांव जाहलूवाल के प्रतिनिधि रणजीत सिंह ने कहा कि एक माह होने को आया लेकिन प्रशासन लोगों को आवाजाही का कोई साधन उपलब्ध नहीं करवा पाया है। हालांकि गांव चरनियां-खेड़ांवाली लिंक रोड वाया कालका से पिंजौर आया जा सकता है लेकिन उस मार्ग पर हिमाचल की फैक्ट्रियों का इतना भारी ट्रैफिक है कि पिंजौर पहुंचने के लिए कई घंटों का समय लगता है। उधर नेशनल हाईवे आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कीरतपुर नदी में 2 बार सीमेंट के पाईप लगाकर अस्थाई मार्ग बनाया था लेकिन दोनों बार नदी में पानी का तेज बहाव आने से टूटकर बह गया।