जीएल स्कूल में बच्चे भेजने को लेकर असमंजस में अभिभावक
कनीना, 21 अप्रैल (निस)
11 अप्रैल को उन्हाणी के समीप हुए सड़क हादसे में मारे गए 6 मासूम विद्यार्थियों की घटना के बाद स्कूल में बच्चों को भेजें या नहीं इस बात को लेकर अभिभावक असमंजस में हैं। झाडली के अभिभावकों की ओर से आरोपी बस चालक के रवैये को लेकर स्कूल प्रबंधन को बार-बार शिकायतें दी जा रही थी, उसके बावजूद कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन खेड़ी के अभिभावकों ने अपने बच्चों को बस से उतार लिया था, नतीजतन बच्चे हताहत होने से बच गए। झाड़ली, धनौंदा व खरकड़ा बास के अभिभावक सतर्क नहीं हो पाए, जिसके चलते इन गांवों के बच्चे अधिक प्रभावित हुए। पूरा इलाका 6 विद्यार्थियों की अकाल मौत से सहमा हुआ है। अधिकांश अभिभावक इस स्कूल में बच्चे भेजने से किनारा कर रहे हैं तो कुछ असमंजस के भंवर में फंसे हुए हैं। अभिभावकों के अनुसार इस हादसे ने उन्हें भयभीत कर दिया है और इससे बाहर नहीं आ पा रहे। प्रशासक डीटीपी महावीर प्रसाद ने कहा कि स्टाफ विद्यालय में हाजिर हो रहा है, लेकिन बच्चे नहीं आ रहे हैं। बस सुविधा का भी अभाव माना जा रहा है।
आरोपी चेयरमैन की आज कोर्ट में पेशी
कनीना में कोसली रोड स्थित जीएल स्कूल बस हादसे के सप्ताहभर बाद पुलिस गिरफ्त में आए स्कूल संचालक एवं चेयरमैन राजेंद्र सिंह लोढा को 5 दिन के रिमांड के बाद पुलिस सोमवार को पुनः कोर्ट में पेश करेगी। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ने बस चालक सहित स्कूल के दस्तावेज व सीडीआर अपने कब्जे में ली है। डीएसपी महेंद्र सिंह ने बताया कि राजेंद्र सिंह लोढा को हादसे के सप्ताहभर बाद बव्वा, जिला रेवाड़ी से गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि बस चालक धमेंद्र वासी सेहलंग तथा जीएलपीएस स्कूल की प्राचार्या दीप्ती राव व जीएल शिक्षा समिति के सचिव होशियार सिंह को पुलिस ने पहले ही काबू कर लिया था। उसके बाद चालक के साथ बस में शराब पीने वाले हरीश, भूदेव, संदीप व नरेश कुमार को भी गिरफ्तार किया जा जा चुका है। स्कूल प्रबंधन के तीन सदस्यों सहित कुल 8 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। विद्यालय के एमडी सुभाष लोढा पुलिस पकड़ से बाहर हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।