शिक्षा की पहली सीढ़ी पर साथ आए अभिभावक और विद्यालय
- केंद्रीय विद्यालय में कक्षा-1 के अभिभावकों के लिए आयोजित हुआ विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम
चंडीगढ़ , 9 अप्रैल
स्कूल का पहला दिन सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि उनके माता-पिता के लिए भी एक नई यात्रा की शुरुआत होता है। यह एक ऐसा मोड़ होता है, जहां उम्मीदें, भावनाएं और जिम्मेदारियां—सब एक साथ आगे बढ़ती हैं। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय 3 बीआरडी एएफएस, चंडीगढ़ ने इस भावना को संजोते हुए कक्षा-1 के अभिभावकों के लिए एक विचारशील और आत्मीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत उप-प्रधानाचार्य मुकेश कुमार ने गर्मजोशी भरे स्वागत से की। इसके बाद कक्षा-1 के तीनों अनुभागों—ए, बी और सी की शिक्षिकाओं से परिचय कराया गया, जो आने वाले वर्षों में इन नन्हे छात्रों की शैक्षणिक और नैतिक यात्रा की मार्गदर्शक बनेंगी।
कमल जीत ने अपने संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण में केंद्रीय विद्यालय संगठन की संरचना, उद्देश्य और कार्यशैली से अभिभावकों को अवगत कराया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताओं को सरल उदाहरणों के माध्यम से समझाया, खासतौर पर पंचकोष और पंचादी जैसे शैक्षणिक मूल्यों को। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि नई शिक्षा प्रणाली बच्चों के सर्वांगीण विकास और अनुभव आधारित शिक्षा पर केंद्रित है।
प्रधानाचार्य हरजिंदर कौर ने विद्यालय के नियमों, अवकाश व्यवस्था, शुल्क भुगतान प्रणाली और अनुशासन संबंधी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अभिभावकों को आश्वस्त किया कि विद्यालय न केवल अकादमिक विकास, बल्कि बच्चों के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास पर भी उतना ही जोर देता है। प्रधानाध्यापिका संतोष ने सकारात्मक पालन-पोषण के उपयोगी सुझाव साझा किए और विद्याप्रवेश पुस्तिका का परिचय दिया, जो फाउंडेशनल स्टेज की पहली औपचारिक शैक्षणिक कड़ी है।
कार्यक्रम का समापन एक सुंदर विद्यालय भ्रमण के साथ हुआ। अभिभावकों ने टॉय लाइब्रेरी, कक्षाएं और विद्यालय की प्रमुख सुविधाओं को नज़दीक से देखा। इस यात्रा को कई अभिभावकों ने तस्वीरों में सहेजा, तो कई ने दिल में एक विश्वास के रूप में बसा लिया।
इस ओरिएंटेशन ने केवल स्कूल और अभिभावकों के बीच की दूरी को घटाया नहीं, बल्कि एक साझेदारी की मजबूत नींव रखी—जहां शिक्षा एक साझा प्रयास है और हर बच्चा एक उज्जवल भविष्य की कहानी।