पैरा एथलीट धर्मबीर नैन और हॉकी खिलाड़ी अभिषेक नैन अर्जुन पुरस्कार से होंगे सम्मानित
सोनीपत, 2 जनवरी (हप्र)
सोनीपत निवासी पैरा ओलंपियन धर्मबीर नैन व स्टार हॉकी खिलाड़ी अभिषेक नैन को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। दोनों खिलाड़ियों ने पेरिस में हुए ओलंपिक व पैरालंपिक में मेडल जीतकर देश के साथ जिले का भी नाम चमकाया था। वहीं अंतर्राष्ट्रीय हॉकी कोच संदीप सांगवान को खेल में उनके विशिष्ट योगदान के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मूलरूप से गांव भदाना हाल विशाल नगर निवासी धर्मबीर नैन ने पेरिस पैरालंपिक में क्लब थ्रो एफ-51 स्पर्धा में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता था। धर्मबीर नैन इससे पहले रियो व टोक्यो पैरालंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित होने पर धर्मबीर नैन के परिवार में जश्न का माहौल है। धर्मबीर नैन ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है। आज बहुत खुशी हो रही है।
वर्ष 2012 में नहर में छलांग लगाने के दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और कमर से नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। बाद में धर्मबीर देश के सबसे से अनुभव पैरालंपियन अमित सरोहा के संपर्क में आए और उनके मार्गदर्शन में खेलों में हाथ आजमाना शुरू कर दिया। अमित सरोहा द्वारा तराशे जाने पर धर्मबीर अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के अनेक मेडल दिला चुके हैं।
धर्मबीर नैन की उपलब्धियां
वर्ष 2016 में रियो व 2021 में टोक्यो पैरा ओलंपिक में भाग लिया। वर्ष 2018 में जकार्ता में क्लब थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। वर्ष 2022 में दुबई में हुई फैजा अंतर्राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर व वर्ष 2024 में जापान के कोबे में विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीता था। साल 2024 में प्लेयर ऑफ द ईयर (पैरा) के खिताब से नवाजा गया।
पेरिस ओलंपिक में ब्रांज मेडल विजेता भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे अभिषेक नैन को भी अर्जुन पुरस्कार दिया जाएगा। मूलरूप से गांव भादी हाल मयूर विहार निवासी अभिषेक नैन ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो फील्ड गोल किए थे। अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित होने के बाद परिवार में खुशी की लहर है। पिता सत्यनारायण ने कहा कि बेटे ने अपने खेल से परिवार का नाम ऊंचा किया है। यह पुरस्कार बेटे की मेहनत का नतीजा है। भाई आशीष नैन ने कहा कि सम्मान से खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ता है।
अभिषेक नैन की उपलब्धियां
राष्ट्रमंडल खेलों में सिल्वर व एशियन खेलो में गोल्ड मेडल विजेता भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे। साल 2023 में धनराज पिल्ले अवार्ड फॉर बेस्ट फॉरवर्ड ऑफ द ईयर रहे।
तपस्या का फल है अवॉर्ड
जिले के गांव नूरन खेड़ा फिलहाल एल्डिको काउंटी, सोनीपत निवासी संदीप सांगवान को हॉकी में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। संदीप सांगवान ने वर्ष 2006 से खिलाडिय़ों को तराशना शुरू किया था। उन्होंने इन 19 वर्षों में देश को करीब 500 बेहतर खिलाड़ी दिए हैं। वह वर्ष 2009 से 2022 तक हरियाणा की पुरुष टीम के मुख्य प्रशिक्षक भी रहे हैं।
संदीप सांगवान ने बताया कि द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए नामित होने पर बेहद खुशी हो रही है। यह मेरी सालों की तपस्या का फल है। उन्होंने बताया कि साल 1987 में सब-जूनियर टीम के साथ शुरुआत की थी। उन्होंने हरियाणा के अलावा दिल्ली, अखिल भारतीय विश्वविद्यालयों और ओएनजीसी के लिए भी खेला और 1995 में दिल्ली के लिए जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता भी जीती। साल 2010 में हरियाणा टीम बतौर प्रशिक्षक नियुक्त हुए। उनके प्रदेश की टीम की कमान संभालते ही सरदार सिंह व संदीप सिंह की टीम ने वर्ष 2011 में सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती। जिसके बाद प्रदेश की टीम ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया। वर्ष 2023 में गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी खिताब जीता था।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षक का सपना होता कि उनके तराशे हुए खिलाड़ी देश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन में प्रदेश की पुरुष टीम ने दो बार (2011 और 2022) सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी। इसके अलावा वर्ष 2015 व 2023 में जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ब्रांज और गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने साल 2019 में जूनियर महिला टीम की प्रशिक्षण दिया और वह राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहीं। पिछले 19 वर्षों में उनकी टीम के करीब 90 खिलाड़ी भारत के लिए खेले और करीब 200 को सरकारी नौकरी मिली।
तीन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वाले दूसरे भारतीय प्रशिक्षक
पहले साल 2007 में प्रशिक्षण में एनआईएस डिप्लोमा पूरा किया। साल 2011 में एफआईएच अकादमी लेवल एक प्रशिक्षण कोर्स पास किया।
साल 2019 में एफआईएच अकादमी लेवल तीन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले हरेंद्र सिंह के बाद दूसरे भारतीय बने। अब वह जल्द ही लेवल चार प्रमाण-पत्र हासिल करके अपने कौशल को और निखारना चाहते हैं।