For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

डिफेंस में देश काे आत्मनिर्भर बना रहा पानीपत

07:19 AM Oct 06, 2023 IST
डिफेंस में देश काे आत्मनिर्भर बना रहा पानीपत
इसी मशीन से सेना के लिए विशेष रूप से कपड़ा बनाया जाता है। 
Advertisement

महावीर गोयल/वाप्र
पानीपत, 5 अक्तूबर

Advertisement

रामजीत सिंह

देश का इतिहास बदलकर रख देने वाले तीन-तीन युद्धों का गवाह रहा पानीपत आज भी देश की रक्षा में भी अपना अहम योगदान दे रहा है। टेक्साटइल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध यहां के उद्यमियों ने देश की सुरक्षा में काम आने वाली मशीनें बनाना शुरू कर दिया है। स्पेशल क्राफ्ट, रोववर्स, मिसाइल, सैनिकों के बूट के लिए कपड़ा बनाने के लिए यहां के उद्यमियों ने मशीनें बनाकर देनी शुरू कर दी है। इन मशीनों से जो कपड़ा बन रहा है, उस कपड़े के बने बूट में कील भी नहीं लगेगी।
दुर्गम स्थानों पर जाने वाले जवान इस कपड़े के बने जूते पहनेंगे। कील लगने से पैर घायल नहीं होंगे। इसके साथ ही फिल्टरेशन में काम आने वाले कपड़े के लिए मशीनें बनाने का काम भी यहां किया जाने लगा है। बताया गया है कि स्पेशल क्राफ्ट, स्पेश में जाने वाले राकेट में ऐसे कपड़े की जरूरत होती है जो स्टील से भी अधिक मजबूत होता है, लेकिन वजन में हल्का होना चाहिए। ऐसे कपड़े के लिए भी यहां मशीनें बन रही है। जिले में टेक्सटाइल मशीनरी बनाने के लिए 20 उद्योग लगे हुए हैं। इनमें बेडशीट, कर्टन क्लाथ, कारपेट बनाने की मशीनें बनती है। पहले एक माह में 3000 मीटर कपड़ा बनता था, यहां के उद्यमियों ने ऐसी मशीनें बना दी है जिन पर 3000 मीटर कपड़ा एक ही दिन में बनता है।

दशमेश जेकार्ड एंड पावरलूम का कमाल

वर्ष- 1979 से टेक्सटाइल मशीनरी बनाने वाले दशमेश जेकार्ड एवं पावरलूम ने डिफेंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए मशीनें बनानी शुरू की है। दशमेश इंडस्ट्री के मालिक रामजीत सिंह बताते हैं कि उनका शुरु से ही नए-नए प्रोडक्ट बनाने में रूचि रही। उन्होंने ही जूट, नारियल की रस्सी से धागा बनाने की मशीन बनाई, जिनसे कारपेट बनते हैं। हाथ से बनने वाले उत्पाद को मशीनरी पर डावर्ट करवाने का काम किया। इसी कारण से पानीपत में उद्यमी विदेशों से प्रतिस्पर्धा में टिक पा रहे हैं। पहले हैंड नोटिड कारपेट बनते थे उनके स्थान पर आटोमैटिक मशीनों पर कारपेट बनाए जा रहे हैं। हमारा एक ही लक्ष्य रहा है ऐसा काम करना चाहिए जो देश के लिए हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का जो बीड़ा उठाया है। उसके तहत हम डिफेंस की जरूरतों के हिसाब से मशीनरी बना रहे हैं। कई मशीनें डिफेंस को दे चुके हैं। टेक्निकल टेक्सटाइल, इंडस्ट्रीयल टेक्सटाइल, स्पेशल प्रपज के लिए बनाए जाने वाले प्राडक्ट के लिए हम मशीनें बना रहे हैं। अब हमारी मशीनें यूरोप तक जाने लगी है। डिफेंस के अधिकारी अपनी जरूरत हमें बता रहे हैं उसके मुताबिक आरएंडडी करके हम मशीन बना रहे हैं। डिफेंस से हमें पूरा सहयोग मिल रहा है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement