रेवाड़ी के गांवों में बाघ को लेकर एक बार फिर दहशत
रेवाड़ी, 5 नवंबर (हप्र)
जिला के गांव झाबुआ के जंगल में एक बार फिर बाघ की आहट से गांववासी सकते में हैं। यह बाघ ढाई महीने पहले सरिस्का टाइगर रिजर्व अलवर से भाग कर यहां आया था। बीच में इसके लौट जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन अब इस बाघ के वापिस जंगल में आने की खबर तेजी से फैल गई है। बाघ को पकडऩे के लिए जिला प्रशासन की टीमें सक्रिय हो गई है। घना जंगल होने के कारण उसे पकड़ता एक चुनौती बना हुआ है।
बावल के उपमंडल अधिकारी उदय सिंह ने मंगलवार को झाबुआ के जंगल का दौरा किया तथा वन राजिक अधिकारी बावल तथा सरिस्का वन अभयारण्य की टीम को जंगली जानवरों से जानमाल की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त कदम उठाने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि सरिस्का से गांव झाबुआ के जंगल में बाघ के आने की सूचनाएं ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को दी गई थी। जिसके बाद से विभाग की टीम बाघ को पकडऩे के प्रयास में लगी है। सरिस्का एवं वन विभाग की टीम पूरी तरह से सतर्क है। वन विभाग की टीम द्वारा जंगल में ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं। इन कैमरों में बाघ का आवागमन देखा गया है। इस बाघ को एसटी 2303 नाम दिया गया है।
बाघ की मौजूदगी को लेकर किसान खेतों में काम नहीं कर पा रहे हैं और घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। आसपास के लगभग 11 गांवों के लोग दहशत के माहौल में रह रहे हैं। फसल की बिजाई की तैयारी चल रही है। लेकिन किसानों को बाघ का डर सता रहा है। जिलाधिकारी ने इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी है और लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं।