पंचकूला सेक्टर 11 आवारा कुत्तों का आतंक
पंचकूला, 3 जून (हप्र)
पंचकूला शहर के लोग आवारा कुत्तों के हमले के आतंक से परेशान हो रहे हैं। कुत्ते गर्मी बढ़ने के साथ पागल हालात में घूम रहे है अाैर लाेगाें काे काट रहे है। वहीं नगर निगम की आवार कुत्ताें काे पकड़ने की ड्राइव का असर शहर में देखने को नहीं मिल रहा है। हर गली मोहल्ले में दर्जनों आवारा कुत्ते घूमते नजर आते हैं। लोग इनके हमलों से परेशान हैं अाैर नगर निगम से शहर के आवारा कुत्तों पर नकेल कसने की मांग कर रहे हैं। यह जानकारी देते हुए सेक्टर 11 से रीतू ने बताया कि उनके पति गगन आनंद पर घर से निकलते ही रविवार को शाम पांच बजे के करीब तीन कुत्तों ने हमला कर दिया। इस हमले में कुत्ते उन पर बुरी तरह से झपट पड़े। उन्होंने भागकर जान बचाई। लेकिन तीन कुत्तों में से एक कुत्ते ने उसकी टांग को नोच डाला। उन्होंने बताया कि वे तुरंत अपने पति काे इलाज के लिए पंचकूला सेक्टर 6 के नागरिक अस्पताल में ले गईं। लेकिन हैरानी की बात थी कि वहां एंटी रेबीज का इंजेक्शन ही नहीं मिला। सेक्टर 6 से उन्हें सेक्टर 32 के लिए रेफर किया गया, वहां भी इंजेक्शन नहीं मिला फिर उन्हें सेक्टर 16 में निजी दुकान से 6 हजार रुपये खर्च कर इंजेक्शन खरीदना पड़ा । उन्होंने बताया कि सेक्टर 11 की हर गली मोहल्ले में दर्जनों आवारा कुत्ते घूमते नजर आते हैं। चाहे बच्चे हों या बड़े यह सभी पर हमला करते हैं। लोग उनके आतंक से परेशान हैं। कुछ महीने पहले भी उनके सेक्टर के एक वरिष्ठ नागरिक एसके कौशल जिनकी आयु लगभग 70 साल के करीब है, पर भी आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था।
यहीं कुछ दिन पहले एक बच्चे पर भी कुत्ताें ने हमला कर उसे घायल कर दिया था। लाेग परेशान हैं लेकिन समस्या का हल करने वाला कोई नहीं है। वहीं पीड़ित परिवार से रीतू अांनद ने बताया कि नगर निगम के कुछ कर्मचारी अाज सेक्टर 11 में घटना के बाद आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए आए । निगम कर्मचारियों ने कुत्ताे को पकड़ने से यह कहकर इंकार कर दिया कि इन्हें निगम द्वारा स्ट्रेलाइज किया गया है। जिसके चलते इन्हें पकड़ कर नहीं ले जा सकते।
एक अन्य सेक्टर निवासी ने बताया कि सेक्टर में आवारा कुत्तों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। नगर निगम को आवारा कुत्तों पर नकेल कसने के लिए प्रयास तेज करने हाेंगे। तभी सेक्टर के लोग आराम से बेखौफ हो घर से निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन कुत्तों के चलते पार्क में सैर करने जाना, घर से मार्केट जाना आदि सभी कार्य मुश्किल हो गए हैं ।