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Panchang 23 December 2024: आज है कालाष्टमी, काल भैरव की पूजा से होंगे संकट दूर

09:19 AM Dec 23, 2024 IST
panchang 23 december 2024  आज है कालाष्टमी  काल भैरव की पूजा से होंगे संकट दूर
Panchang 23 December 2024
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चंडीगढ़, 23 दिसंबर (ट्रिन्यू)

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पौष कृष्ण अष्टमी, जिसे कालाष्टमी कहा जाता है, भगवान काल भैरव की उपासना के लिए विशेष महत्व रखती है। काल भैरव, भगवान शिव के रौद्र रूप हैं, जो अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करते हैं। उनकी पूजा से जीवन के संकट, रोग, भय और शत्रुओं का नाश होता है तथा काल दोष, पितृ दोष और शनि दोष का निवारण होता है।

इस दिन प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और भगवान काल भैरव की पूजा करें। पूजास्थल पर उनका चित्र स्थापित कर गंगाजल, पुष्प, बिल्व पत्र, और नैवेद्य अर्पित करें। “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप करें और अंत में आरती करें। भोग में इमरती या तिल से बनी वस्तु चढ़ाएं और काले कुत्ते को भोजन कराएं।

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पूजा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें, मांसाहार और नकारात्मक विचारों से बचें। रात्रि में पूजा करना विशेष फलदायी होता है। श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें।

Panchang 23 December 2024

तिथि/तारीख पौष कृष्ण अष्टमी

शक संवत 1946
विक्रम संवत 2081
अंग्रेजी तारीख 23 दिसम्बर 2024
सौर मास पौष (प्रविष्टे 09)
सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल
ऋतु शिशिर

राहुकाल प्रातः 07:30 से 09:00
अष्टमी तिथि समाप्त सायं 05:08
नवमी तिथि आरंभ सायं 05:08 के बाद
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रातः 09:09 तक
हस्त नक्षत्र आरंभ प्रातः 09:09 के बाद
सौभाग्य योग समाप्त सायं 07:54
शोभन योग आरंभ सायं 07:54 के बाद

विजय मुहूर्त दोपहर 02:11 से 02:52
निशिथ काल रात 11:59 से 12:54
गोधूलि बेला शाम 05:37 से 06:04
अमृत काल सुबह 07:10 से 08:28

कौलव करण समाप्त सायं 05:08
गर करण आरंभ सायं 05:08 के बाद
चन्द्रमा कन्या राशि पर संचार

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें। 

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