Panchang 21 December 2024: क्यों किया जाता है शनि का व्रत, क्या है पूजा विधि और नियम, यहां पढ़ें
चंडीगढ़ 21 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Panchang 21 December 2024: शनिवार का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत फलदायी माना गया है और शनिदेव को समर्पित है। शनिदेव न्याय के देवता हैं, और उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। ज्योतिर्विद अनिल शास्त्री के मुताबिक मान्यता है कि शनिदेव के व्रत से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
व्रत शुरू करने के लिए श्रावण मास या शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार का चयन किया जा सकता है। यह व्रत अनुशासन और परिश्रम की शक्ति बढ़ाता है और जीवन में सफलता व शांति लाता है। 7 शनिवार का व्रत विशेष लाभकारी माना गया है।
पूजा विधि
शनिवार को प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें। शनिदेव की प्रतिमा या शनि यंत्र की स्थापना कर पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें काले वस्त्र, काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि चालीसा व कथा का पाठ करें। पूड़ी और काले उड़द की खिचड़ी का भोग लगाकर गलती के लिए क्षमा मांगे।
Panchang 21 December 2024: पंचांग सारणी: 21 दिसंबर 2024 (शनिवार)
राष्ट्रीय मिति मार्गशीर्ष 30, शक संवत 1946
विक्रम संवत 2081
सौर मास पौष मास, प्रविष्टे 07
तिथि षष्ठी (मध्याह्न 12:22 तक), उपरांत सप्तमी
नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी (अगले दिन सुबह 06:14 तक), उपरांत उत्तराफाल्गुनी
योग प्रीति (सायं 06:23 तक), उपरांत आयुष्मान
करण वणिज (मध्याह्न 12:22 तक), उपरांत बव
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल, शिशिर ऋतु
चंद्र राशि सिंह
राहुकाल प्रातः 09:00 से 10:30
विजय मुहूर्त दोपहर 02:10 से 02:51
निशिथ काल रात 11:58 से 12:53
गोधूलि बेला सायं 05:36 से 06:03
अमृत काल प्रातः 08:26 से 09:44
सूर्य उत्तरायण में और उत्तर गोल में है।
चंद्रमा दिनरात सिंह राशि में संचार करेगा।
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।