Panchang 17 April 2025: मूल नक्षत्र आज, जानें कौन-कौन हैं गण्डमूल नक्षत्र और क्या हैं इनके प्रभाव
चंडीगढ़, 17 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Gandamool Nakshatra: धर्मशास्त्रों के अनुसार कुल 27 नक्षत्रों में से छह नक्षत्र अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती गण्डमूल नक्षत्र कहलाते हैं। इन्हें सामान्यतः अशुभ माना जाता है, परंतु ये नक्षत्र पूर्णतः अशुभ हों, यह कहना उचित नहीं। इनका प्रभाव चंद्रमा की स्थिति और जन्म के चरण पर निर्भर करता है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं, जिनके अनुसार शुभ-अशुभ फल मिलते हैं। जैसे, अश्विनी के पहले चरण में पिता को कष्ट, जबकि चौथे चरण में राज सम्मान मिलता है। आश्लेषा के पहले चरण में शांति का योग होता है। मघा और मूल में माता-पिता को कष्ट की संभावनाएं बताई गई हैं, वहीं रेवती में राज सम्मान और धन प्राप्ति के योग भी बनते हैं।
शास्त्री के अनुसार गण्डमूल में जन्मे शिशु का चेहरा 27 दिन तक पिता को नहीं दिखाना चाहिए। इसके बाद शुभ मुहूर्त में स्नान आदि संस्कारों के उपरांत दर्शन करना उचित माना गया है। उचित पूजा, शांति पाठ और ग्रहशांति से इन नक्षत्रों के दोषों को शांत किया जा सकता है।
Panchang 17 April 2025: राष्ट्रीय मिति चैत्र 27, शक सम्वत् 1947
विक्रम संवत् 2082
अंग्रेजी तिथि 17 अप्रैल 2025 ई॰
वार बृहस्पतिवार
तिथि चतुर्थी (अपराह्न 03:24 तक), तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र ज्येष्ठा (सूर्योदय से अगले दिन प्रातः 08:21 तक), तत्पश्चात मूल
योग वरीयान (12:50 AM तक), तत्पश्चात परिधि
करण बालव (03:24 PM तक), तत्पश्चात तैतिल
चन्द्र राशि वृश्चिक
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल
ऋतु बसन्त
सौर मास वैशाख (प्रविष्टे 05)
राहुकाल 01:30 PM से 03:00 PM तक
विजय मुहूर्त 02:30 PM से 03:22 PM तक
निशिथ काल 11:58 PM से 12:42 AM तक
गोधूलि बेला 06:47 PM से 07:09 PM तक
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।