Panchang 1 मार्च 2025: क्या हैं शनिदेव की पूजा और व्रत के नियम, यहां पढ़ें पूरी जानकारी
चंडीगढ़, 1 मार्च (ट्रिन्यू)
Shani Puja Rules: शनि देव को न्याय का देवता और कर्मों का फलदाता माना जाता है। उनकी पूजा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और शुभ कर्मों का फल मिलता है। शनि देव की पूजा से रोग, ऋण, संतानहीनता, और व्यवसाय में बाधा जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक शनिवार शनि देव की पूजा के लिए उत्तम दिन है। इसे सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद करना शुभ माना जाता है। शनिवार की अमावस्या और पूर्णिमा विशेष रूप से फलदायी होती हैं। शनि जयंती पर पूजा का विशेष महत्व है।
पूजा के दौरान शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए और पश्चिम दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए। नीले या काले वस्त्र पहनना शुभ होता है। शनि देव की मूर्ति की ओर पीठ न करें। शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दीपक जलाने से शनि दोष से राहत मिलती है।
Panchang 1 मार्च 2025: शक संवत 1946
फाल्गुन शुक्ल, द्वितीया, शनिवार
विक्रम संवत् 2081
सौर मास फाल्गुन मास प्रविष्टे 18
अंग्रेजी तारीख 01 मार्च 2025
सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल
ऋतु बसंत ऋतु
राहुकाल प्रातः 09:00 से 10:30 तक
तिथि द्वितीया (अर्धरात्रोत्तर 12:10 तक), उपरांत तृतीया
नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद (पूर्वाह्न 11:23 तक), उपरांत उत्तराभाद्रपद
योग साध्य (सायं 04:25 तक), उपरांत शुभ
विजय मुहूर्त दोपहर 02:29 से 03:16 बजे तक
निशीथ काल रात्रि 12:08 से 12:58 बजे तक
गोधूलि बेला सायं 06:19 से 06:43 बजे तक
करण बालव (अपराह्न 01:44 तक), उपरांत तैतिल
चंद्रमा राशि मीन राशि
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।