Maharashtra: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने से आक्रोश, सड़क पर उतरा विपक्ष
मुंबई, एक सितंबर (भाषा)
Maharashtra: महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) के नेताओं ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के विरोध में रविवार को दक्षिण मुंबई में प्रतिष्ठित हुतात्मा चौक से ‘गेटवे ऑफ इंडिया' तक मार्च निकाला। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मांगी गई माफी में अहंकार की बू है। शरद पवार ने इसे भ्रष्टाचार का नमूना बताया।
शिवद्रोह्यांना माफी नाही! pic.twitter.com/VZlhGPvw0P
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) September 1, 2024
मुंबई से करीब 480 किलोमीटर दूर मालवण तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी। इसका अनावरण प्रधानमंत्री मोदी ने चार दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे, कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले और पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र' आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में बने हुतात्मा चौक पर पुष्पांजलि अर्पित कर विरोध मार्च की शुरुआत की।
शिवद्रोह्यांना भिडायला महाराष्ट्राचा वाघ आलाय! pic.twitter.com/sdenS2ktLx
— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) September 1, 2024
राकांपा (एसपी) नेता राजेश टोपे और शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील प्रभु ने कहा कि विरोध मार्च का उद्देश्य प्रधानमंत्री द्वारा अनावरण किए जाने के आठ महीने बाद ही प्रतिमा ढह जाने को लेकर महाराष्ट्र के लोगों के गुस्से को आवाज देना है। प्रभु ने संवाददाताओं से कहा कि यह विरोध शांतिपूर्ण है। पूर्वाह्न करीब 11 बजे के बाद शुरू हुए मार्च में हिस्सा लेने वालों में कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति, राकांपा (एसपी) नेता एवं बारामती की सांसद सुप्रिया सुले और विधायक अनिल देशमुख शामिल हैं।
शिवद्रोह्यांना नडणारचं...
आज शिवसेनेचा वाघ भिडणारचं! pic.twitter.com/jDMALVprXH— Office Of Aaditya Uddhav Thackeray (@OfcOfAUT) September 1, 2024
हुतात्मा चौक पर शिवाजी की एक आवक्ष प्रतिमा स्थापित की गई। विरोध मार्च में शामिल लोगों ने मूर्ति ढहने की घटना की निंदा करने वाली तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार के खिलाफ नारे लगाए। शरद पवार ने विरोध मार्च के तहत कुछ दूरी तक पैदल यात्रा की।