भाजपा के खिलाफ विपक्ष एकजुट केजरीवाल ने रखी शर्त
पटना, 23 जून (एजेंसी)
विपक्ष के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा को एकजुट होकर चुनौती देने का शुक्रवार को संकल्प लिया। अब विपक्षी नेता अगले महीने शिमला में आगे के कदम पर मंत्रणा करेंगे। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी (आप) ने विपक्षी एकजुटता की इस पूरी कवायद पर यह कहकर एक तरह का प्रश्नचिह्न भी लगा दिया कि दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस के अपना रुख स्पष्ट करने तक वह उसकी मौजूदगी वाली किसी भी विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होगी। ‘कांग्रेस को यह तय करना होगा कि वह दिल्ली के लोगों के साथ है या फिर मोदी सरकार के साथ खड़ी है।’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में यह बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर हुई। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के हेमंत सोरेन, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने बैठक में भाग लिया। द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, नेकां नेता उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती, भाकपा महासचिव डी राजा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और कुछ अन्य नेता भी बैठक में शामिल हुए।
चार घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद प्रेस वार्ता से पहले केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा दिल्ली रवाना हो गये। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘काफी अच्छी मुलाकात हुई…एक साथ चुनाव लड़ने और सब तरह की सहमति हो गई है। एक और बैठक में सारी चीजें अंतिम रूप ले लेंगी।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगली बैठक जुलाई महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होगी।’