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मंदिर को तोड़ने पहुंची टीम का विरोध

07:01 AM Jun 21, 2024 IST
मनीमाजरा में बृहस्पतिवार को मंदिर गिराने की कार्रवाई का विरोध करते लोग। -दैनिक ट्रिब्यून
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 20 जून (हप्र)
मनीमाजरा के सुभाष नगर में बृहस्पतिवार को नगर निगम की टीम ने अवैध रूप से बने शिव मंदिर, साईं मंदिर के कमरों को गिरा दिय। इस पूरी कार्रवाई में चार जेसीबी मशीन इस्तेमाल की गईं। इस कार्रवाई का मेयर कुलदीप कुमार ने विरोध किया और वे जेसीबी मशीन के आगे लेट गए। लेकिन पुलिस ने उन्हें मौके से दूर कर दिया ।
नगर निगम की इस कार्रवाई का चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार, चंडीगढ़ के सहप्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया और इलाके की पार्षद सुमन सहित स्थानीय लोगों ने जोरदार विरोध किया। विरोध के चलते पुलिस को कार्रवाई करीब ड़ेढ घंटे लेट शुरू करनी पड़ी और पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग कर लोगों को वहां से हटा दिया। इस कार्रवाई के दौरान इलाके के डीएसपी पी अभिनंदन की अगुवाई में भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। विरोध की भनक लगते ही एसपी सिटी मृदुल भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। लोगों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर कमेटी के साथ बातचीत की। इसके बाद प्रशासन के साथ बातचीत में सहमति बनी कि उन मंदिरों को नहीं तोड़ा जाएगा। लेकिन बाहर बने दो कमरे, शॉप्स और मेन गेट के कुछ हिस्से को तोड़ दिया गया। जो लोग इस मामले का विरोध कर रहे थे, उन सभी को पुलिस ने मौके से पकड़कर बस में बिठा लिया और बाद में उन लोगों को छोड़ दिया गया।
2018 का फैसला 2024 में क्यों किया जा रहा लागू : मेयर
चंडीगढ़ में 163 धार्मिक स्थलों को प्रशासन ने तोड़ने का नोटिस जारी किया है। मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इन धार्मिक स्थलों के प्रति लाखों लोगों की श्रद्धा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन धार्मिक स्थलों को तोड़ने के मामले में 2018 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दे रहा है।
मेयर ने धार्मिक स्थलों को तोड़ने की टाइमिंग पर भी कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2018 का फैसला अब 6 साल बाद 2024 में क्यों लागू किया जा रहा है। उस समय प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की। इतने लंबे समय तक प्रशासन किसके कहने पर रुका रहा और किसे लाभ पहुंचाने के लिए कार्रवाई नहीं की जा सकी।
भाजपा ले रही हार का बदला : डॉ. आहलूवालिया
चंडीगढ़ के सहप्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने इस मौके पर कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन धार्मिक स्थलों को तोड़कर चंडीगढ़ की जनता से लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार का बदला ले रहा है। उन्होंने कहा कि जब 2018 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, तब से लेकर अब तक प्रशासन भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा करने से भाग रहा था और आज जब भाजपा चंडीगढ़ से हार गई है, तो प्रशासन ने अचानक धार्मिक स्थलों को तोड़ने की कार्रवाई का फैसला किया है। प्रशासन ने एक दिन के नोटिस पर धार्मिक स्थलों को तोड़ना शुरू कर दिया है, जो बेहद निंदनीय और बर्दाश्त के बाहर है।
भाजपा कर रही राजनीति : कांग्रेस
चंडीगढ़ से लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी और कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की ने संयुक्त बयान में कहा कि चंडीगढ़ में धार्मिक स्थलों को तोड़ना भाजपा की गंदी राजनीति का नतीजा है। भाजपा लोकसभा चुनाव में हार का बदला लेने के लिए चंडीगढ़ का माहौल खराब कर रही है। भाजपा प्रशासन को अपने इशारों पर नचा रही है।

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