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स्कूल बसों की फिटनेस जांच करवाने में नहीं संचालकों की रुचि

08:47 AM Apr 29, 2024 IST
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जींद, 28 अप्रैल (हप्र)
निजी स्कूल संचालक अपनी बसों की फिटनेस जांच में रुचि नहीं दिखा रहे। विभाग ने उन्हें पांच दिन का समय दिया था, लेकिन पांच दिन में 43 स्कूल बस ही फिटनेस जांच के लिए आई, जिनमें से 25 को जांच के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए और 18 बसों को अनफिट किया गया। जिले में लगभग 100 स्कूली बस हैं, जो अनफिट हैं, लेकिन निजी स्कूल संचालक बसों को जांच के लिए लेकर नहीं आ रहे हैं।
कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद निजी बसों की फिटनेस जांच का कार्य विभाग ने शुरू किया था। निजी स्कूल संचालकों को अपनी बसों की फिटनेस जांच के लिए पांच दिन का समय दिया था। इसके लिए 17, 20, 21, 27 व 28 अप्रैल का दिन निर्धारित किया था। इन पांच दिनों में अब तक 43 बसें ही फिटनेस जांच के लिए आई। इनमें से 25 बसों को जांच के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए, जबकि 18 बसों को अनफिट घोषित किया गया।

''जिन निजी स्कूल बसों की फिटनेस प्रमाण-पत्र की तारीख खत्म हो चुकी थी, उनकी जांच के लिए पांच दिन का शेड्यूल जारी किया गया था। इस दौरान 43 स्कूल बस आई थी, जिनमें से 25 को जांच के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिए गए, लेकिन 18 बस नियमों पर खरी नहीं उतरी। नियमों पर खरी नहीं मिलने वाली स्कूल बसों के चालान किए जाएंगे। ''
-संजीव कौशिक, मोटर व्हीकल अधिकारी

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निजी स्कूलों का आरोप

रविवार को भी स्कूल बसों की फिटनेस जांच होनी थी। इसके लिये पहले ही तारीख तय कर दी गयी थी लेकिन बसें नहीं पहुंची। जबकि एक स्कूल के चालक ने कहा कि वह सुबह सात बजे एकलव्य स्टेडियम में अपनी बस को लेकर जांच के लिए पहुंच गया था, लेकिन जांच करने के लिये विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं पहुंचा। वहीं डीटीओ कार्यालय के अधिकारियों का कहना था कि रविवार को कोई बस जांच के लिए नहीं आई थी। वह सुबह दस बजे एकलव्य स्टेडियम में गए थे, वहां उन्हें जांच के लिए कोई बस नहीं मिली।

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