For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी शांतिपूर्वक संपन्न, 1999 के बाद पहली बार जत्थेदार ने नहीं दिया संदेश

12:05 PM Jun 06, 2025 IST
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी शांतिपूर्वक संपन्न  1999 के बाद पहली बार जत्थेदार ने नहीं दिया संदेश
Advertisement

नीरज बग्गा/ट्रिन्यू

Advertisement

अमृतसर, 6 जून 

अकाल तख्त साहिब में शुक्रवार को ऑपरेशन ब्लूस्टार की 41वीं बरसी कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच शांतिपूर्वक मनाई गई। विभिन्न सिख संगठनों ने समारोह में भाग लिया, लेकिन इस बार एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला—1999 के बाद पहली बार अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने न तो सिख समुदाय को संबोधित किया और न ही शहीद परिवारों को सम्मानित किया।

Advertisement

इस वर्ष शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने 1984 की सैन्य कार्रवाई में जान गंवाने वाले सिखों के परिजनों को सम्मानित किया। आमतौर पर यह परंपरा अकाल तख्त के जत्थेदार निभाते रहे हैं, लेकिन जत्थेदार गड़गज की अनुपस्थिति ने कार्यक्रम का स्वरूप बदल दिया।

विवाद से बचाव, टकराव टला

जत्थेदार की ओर से भाषण न देने या श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल न होने को लेकर कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह संभावित टकराव से बचने की रणनीति हो सकती है। दमदमी टकसाल के प्रमुख हरनाम सिंह धूमा पहले ही जत्थेदार की भागीदारी पर आपत्ति जता चुके थे। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि वे इस बदलाव से "मन से हल्का" महसूस कर रहे हैं।

1998 में जब अकाल तख्त भवन का पुनर्निर्माण हुआ और 1999 से दल खालसा ने ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी सार्वजनिक रूप से मनानी शुरू की, तब से यह पहला अवसर है जब अकाल तख्त से सिख संगत को कोई औपचारिक संदेश नहीं दिया गया।

Advertisement
Tags :
Advertisement