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OP Chautala Passes Away: हरियाणा की राजनीति को बड़ा झटका, इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का निधन

12:33 PM Dec 20, 2024 IST

चंडीगढ़, 20 दिसंबर (ट्रिन्यू)

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OP Chautala Passes Away: हरियाणा की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के सुप्रीमो और हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला का बुधवार सुबह निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। उनका निधन गुरुग्राम स्थित निवास पर कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। बताया जा रहा है कि वह अपने बेटे अभय चौटाला के घर पर थे और सुबह नाश्ता करने के बाद उन्हें हृदयाघात हुआ।

चौटाला के पुत्र अभय् चौटाला ने दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल को फोन पर बताया कि दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह जनता के दर्शनो के लिए प्रातः नौ से अपराह्न दो बजे तक उनके पैतृक गांव चौटाला के निकट स्थित तेजा खेड़ा फार्म हाउस में रखा जाएगा। अपराह्रन तीन बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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ओमप्रकाश चौटाला: एक राजनीतिक सफर

ओमप्रकाश चौटाला, जिन्हें प्यार से ओपी चौटाला के नाम से जाना जाता था, का जन्म 1 जनवरी 1935 को हुआ था। वे देश के  6वें उपप्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता चौधरी देवी लाल के पुत्र थे। उनका राजनीतिक सफर हरियाणा की राजनीति में मील का पत्थर साबित हुआ। चौटाला ने पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद को संभाला और अपने नेतृत्व में राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया।

चौटाला पहली बार 2 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990 तक, फिर 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990 तक, 22 मार्च 1991 से 6 अप्रैल 1991 तक और 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। वह राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए और तीसरे मोर्चे का भी हिस्सा रहे।

चौटाला परिवार की राजनीतिक धरोहर

ओमप्रकाश चौटाला का विवाह स्नेह लता से हुआ था, जिनका निधन अगस्त 2019 में हुआ। उनके दो बेटे और तीन बेटियां हैं। उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं।

उनके पोते दुष्यंत चौटाला हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और हिसार से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। वर्तमान में उनका पौत्र व अभय चौटाला का बेटा अर्जुन चौटाला विधायक हैं। चौटाला परिवार ने हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है और राज्य की जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं।

तिहाड़ जेल से रिहाई तक का सफर

चौटाला का नाम 2000 में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में आया था, जिसके चलते उन्हें 2013 में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई। वह तिहाड़ जेल में सबसे बुजुर्ग कैदी के रूप में जाने गए। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान जेल की आबादी कम करने के लिए उन्हें 2021 में रिहा कर दिया गया।

राजनीतिक और सामाजिक योगदान

ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में अपने दृढ़ और प्रभावशाली नेतृत्व के लिए ख्याति अर्जित की। उनके नेतृत्व में राज्य में कृषि, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

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