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जिन गांवों में फसल जली, वे ही क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं दावा

08:28 AM Apr 28, 2025 IST
फतेहाबाद के गांव में फसलों में लगी आग का फाइल फोटो। -हप्र

फतेहाबाद, 27 अप्रैल (हप्र)
प्रदेश सरकार ने गेहूं के नुकसान के झूठे दावों से सबक लेते हुए, इस बार उन्हीं गांवों के किसानों के क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है, जिन गांवों में आगजनी से गेहूं की फसल के नुकसान की रिपोर्ट जिला प्रशासन ने भेजी है।
जिले में ऐसे गांवों की संख्या 17 हैं। अब इन्हीं गांवों के किसान ही ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर मुआवजे का दावा कर सकेंगे। याद रहें कि गेहूं की बिजाई के समय बीते साल दिसंबर में हुई ओलावृष्टि के समय खुले क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 146 गांवों के किसानों ने मुआवजा देने का दावा कर दिया था।
जबकि राजस्व विभाग ने मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट में मात्र 13 गांवों में ओलावृष्टि बताई थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि राजस्व विभाग ने जब किसानों के दावों की जांच की तो ओलावृष्टि से कोई नुकसान न होना पाया गया, तथा सभी 146 गांवों के किसानों के दावे खारिज कर दिए गए। लेकिन इससे हुआ यह कि प्रशासन को 146 गांवों में दावों की जांच पड़ताल के लिए कर्मचारी लगाने पड़े।
उस समय सबसे बड़ी खामी यह ही सामने आई कि जब ओलावृष्टि मात्र 13 गांवों में हुई तो पोर्टल पूरे जिले के लिए क्यों खोला गया? शायद इसलिए सरकार ने इस बार उन्हीं गांवों के लिए पोर्टल खोला है, जिनकी नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई। पोर्टल पर गेहूं के फाने जलने का कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। हालांकि राजस्व विभाग ने आगजनी से नुकसान की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। फिर भी सरकार के आदेश से ई क्षतिपूर्ति पोर्टल 1 मई तक खुला रहेगा। जिस पर किसान मुआवजे का दावा कर सकते हैं। जिला उपायुक्त मनदीप कौर ने जिले के सभी तहसीलदारों को निर्देश जारी कर कहा कि वह प्रभावित किसानों का नुकसान ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाना सुनिश्चित करें।

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उपायुक्त ने यह भी कहा कि तहसीलदार व पटवारी इस नुकसान को पोर्टल पर वेरिफाई करना भी सुनिश्चित करें। गौरतलब है कि आगजनी से किसानों के नुकसान को देखते हुए सीएम नायब सिंह सैनी ने आगजनी से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की घोषणा की थी। सीएम ने इस बारे प्रदेश के सभी उपायुक्तों से रिपोर्ट भी मांगी थी। फतेहाबाद डीसी मनदीप कौर ने कहा कि जिला राजस्व विभाग की रिपोर्ट की एक प्रति तहसीलदार फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, उपतहसीलदार भूना, जाखल व कुलां को भेजकर निर्देश दिए गए हैं कि वह गांव के हलका पटवारी को हिदायत जारी करें कि जिन किसानों की गेहूं व अन्य फसल में नुकसान हुआ है, उसे क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाना सुनिश्चित करें। पोर्टल पर वेरिफाई करें ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके।

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