अभिमान की नाव में बैठा हुआ एक न एक दिन अवश्य डूबता है : स्वामी हरि चेतनानंद
बीबीएन, 5 मार्च (निस)
दुर्गामाता मंदिर मितियां में आयोजित विशाल सत्संग समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने कहा तीव्र पुण्य एवं पाप का फल तुरंत प्रकट हो जाता है इसलिए पाप और पुण्य का फल देखते हुए पापों से बचने का प्रयास करें और धर्म का आचरण करें। भगवती श्रद्धा और विश्वास का मूर्त रूप है, श्रद्धा विश्वास के बिना लाख जन्म भी कोई भजन कर ले तब भी हृदय में बैठा ईश्वर नहीं मिलता। यदि तीव्र भक्ति योग हो तो पलक गिरने में समय लगता है। परमात्मा के मिलने में समय नहीं लगता। स्वामी ने कहा कि भगवती ने देवताओं की रक्षा की है, संयम का व्रत है जहां संयम है वहाँ सुख है जहां असंयम है वहां दुख है, जीवन में अभिमान न करें अभियान की नाव में बैठा हुआ एक न एक दिन अवश्य डूबता है। मानव जीवन का जो परम उद्देश्य है वह भगवती और भगवान की प्राप्ति है। इस मौके पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजक और नालागढ़ के विधायक हरदीप सिंह बावा, परमिन्द्र कौर बावा, एस.डी.एम. नालागढ़ राजकुमार, तहसीलदार सतीन्द्रजीत, नायब तहसीलदार राजिंद्र ठाकुर, डीएसपी अजय ठाकुर, मंदिर कमेटी की प्रधान दुर्गा राम समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।