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डीएपी की किल्लत एक दुकानदार का लाइसेंस सस्पेंड, 4 को नोटिस

10:04 AM Nov 06, 2024 IST
डीएपी की किल्लत एक दुकानदार का लाइसेंस सस्पेंड  4 को नोटिस
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करनाल, 5 नवंबर (हप्र)
प्रदेशभर में डीएपी खाद की किल्लत चल रही है। ऐसी स्थिति करनाल में न बने इसे देखते हुए कृषि विभाग की टीमें हर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ताकि डीएपी की कालाबाजारी न हो सके और किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध हो सकें।
कृषि अधिकारी जिलेभर में खाद की दुकानों पर चेकिंग कर रहे हैं। करनाल में एक दुकान का लाइसेंस सस्पेंड किया गया जबकि 4 दुकानदारों को नोटिस भेजा गया हैं। क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी सुनील बजाड़ ने बताया कि दुकानों पर चेकिंग की गई थी, दुकान में खाद का स्टॉक और मशीन में अंतर पाया गया। इसके चलते एक दुकानदार का लाइसेंस सस्पेंड किया गया हैं जबकि 4 को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया हैं। उन्होंने कहा कि जिले में डीएपी की कोई किल्लत नहीं हैं, किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिल रहा हैं। सरकार डिमांड अनुसार डीएपी खाद भेज रही हैं। मंगलवार को भी जिले में करीब 1100 एमटी डीएपी खाद आया हैं। उन्होंने कहा कि जिले में गेहूं बिजाई का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, बाकी 20 प्रतिशत लेट बिजाई का हैं। इसलिए जरूरत के अनुसार किसानों को डीएपी खाद मिल रहा हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर माह में 10 हजार एमटी डीएपी खाद आना हैं, करीब 2 हजार एमटी से अधिक उपलब्ध हैं बाकी जल्द ही पहुंच रहा है।

पैक्स केंद्रों में पहुंचे 27 हजार बैग

जगाधरी (हप्र) : गेहूं की बिजाई का सीजन जोर पकड़ गया है, लेकिन किसानों को डीएपी खाद के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें पैक्स केंद्रों में खाद न मिलने से हो रही है। ज्यादातर किसान इफको कंपनी का खाद लेना चाहते हैं। जगाधरी के इफको सेंटर पर 27 अक्तूबर को मात्र एक हजार बैग डीएपी खाद आया था। यहां पर प्रति किसान 9 बैग डीएपी खाद दिया गया था। कुछ दिन पहले दूसरी कंपनी का डीएपी खाद आया था। जानकारी के अनुसार मंगलवार को इफको कंपनी का 27 हजार बैग डीएपी खाद आया। किसानों का कहना है कि यह जरूरत से बहुत कम है। उनका कहना है कि डीएपी खाद के कम से कम दो रैक अभी लगने चाहिए। कृषि विभाग के उप निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास का कहना है कि सारा डीएपी खाद जरूरत के हिसाब से पैक्स केंद्रों में भेज दिया गया है। उनका कहना है कि डीएपी व यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है। डा. डबास ने बताया कि जल्दी और खाद आ जाएगा। खाद को लेकर किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

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एसीएस की कृषि विभाग के अधिकारियों से मीटिंग

पानीपत (हप्र) : हरियाणा सरकार के एसीएस ने मंगलवार को डीएपी खाद व पराली प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग के पानीपत के अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से मीटिंग की गई। एसीएस ने कहा कि अगले तीन सप्ताह के अंदर ही प्रदेश में एक लाख एमटी डीएपी आने वाला है और किसानों को जिलाभर में कृषि विभाग की टीमों द्वारा संदेश दिया जाये कि वे डीएपी के लिये मारामारी न करें। प्रदेश में गेहूं की फसल के लिये पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध है। वहीं, पराली प्रबंधन को लेकर कहा गया कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ तीनों तरह की कार्रवाई अमल में लाई जाये। इसमें किसान पर एफआईआर दर्ज करवाना, जुर्माना लगाना और मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर रेड एंट्री करना शामिल है। पानीपत कृषि विभाग के एसडीओ देवेंद्र कुहाड़ ने बताया कि जिला में पराली न जलाने वाले एवं खेतों में ही पराली का प्रबंधन करने वाले किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके लिये जिला में 2700 किसानों ने अभी तक पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।

किसानों का एसडीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

डबवाली (निस) : डीएपी खाद उपलब्ध न करवाए जाने से परेशान किसानों ने एसडीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। किसानों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व सहित एसडीएम डबवाली का भी पुतला फूंका। इसके उपरांत राष्ट्रीय किसान संगठन हरियाणा, बीकेयू एकता उगराहां व अन्य किसान संगठनों के नेतृत्व में प्रशासन को दोपहर 12 बजे तक डीएपी खाद उपलब्ध न करवाने पर चौटाला रोड जाम करने का अल्टीमेटम दिया। बता दें कि डीएपी खाद की मांग को लेकर पिछले दो दिनों से धरनारत हैं, किसानों को खाद नहीं मिल रही है। धरने को संबोधित करते कहा कि राष्ट्रीय किसान संगठन हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष जसवीर सिंह भाटी ने कहा कि इतनी बड़ी अनाज मंडी छोड़कर गत दिवस डीएपी खाद एक कबाड़खाने में बेची गई। उन्होंने कहा कि यह सारा कारोबार प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके संबंध में प्रशासन को अवगत करवाया गया, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मौके पर भोला सिंह, प्रितपाल सिंह, हरबंस सिंह देसूजोधा, मिट्ठू कंबोज, नछत्तर सिंह, सर्वजीत सिंह, गुरपिंद्र सिंह, लाभ सिंह, जगदेव सिंह, जसकरण सिंह, गुरतेज सिंह, जगसीर सिंह, गुरसेवक सिंह, कृष्ण सिंह सहित आस-पास के गांवों के कई किसान मौजूद रहे।

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