2500 करोड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड में से एक गिरफ्तार
शिमला, 18 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में हुए 2500 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरंसी घोटाले के मास्टरमाइंड में से एक मिलन गर्ग, जो नकली क्रिप्टोकरंसी की डिजाइनिंग से लेकर तकनीकी सहायता और मार्केटिंग तक में शामिल था, को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस में डीआईजी अभिषेक दुल्लर ने मिलन गर्ग की गिरफ्तारी की पुष्टि की। दुल्लर इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी मिलन गर्ग को बुधवार रात कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह थाईलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरंसी योजना, जिसमें प्रदेश के निर्दोष लोगों को ठगा गया था, 2018 में शुरू हुई थी। वर्ष 2022 में इसमें धोखाधड़ी उस समय सामने आई जब लोगों ने अपना पैसा निकालना चाहा लेकिन आरोपियों ने निवेशकों को चुप रहने या पैसा गंवाने की धमकी दी।
लोगों को इस योजना में जब पैसा आना बंद हो गया, तो उन्हें कुछ गड़बड़ लगी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण सभी गतिविधियां रुक गईं और पीड़ित धोखेबाजों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ पाए। हालांकि बाद में सैकड़ों पीड़ित सामने आए और घोटालेबाजों की कार्यप्रणाली का खुलासा किया। अब तक इस संबंध में 300 से अधिक शिकायतें पुलिस को प्राप्त हुई हैं। गर्ग, जो घोटाला उजागर होने के बाद दुबई भाग गया था, जून में भारत लौट आया था और फिर से देश छोड़कर भाग रहा था। अभिषेक दुल्लर ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर शिमला वापस लाया गया है। दुल्लर ने कहा कि आरोपी मिलन गर्ग, सरगना सुभाष शर्मा का मुख्य सहयोगी है, जो अभी भी फरार है।
पुलिस ने मामले में अब तक गर्ग सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया है और 70 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए अन्य मुख्य आरोपियों में मंडी के हेमराज, सुखदेव और ऊना जिले के अरुण गुलेरिया तथा अभिषेक
शामिल हैं।