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One Nation-One Election : चंडीगढ़ पहुंची ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी, आप व बसपा का विरोध; कांग्रेस को बुलाया नहीं

08:23 PM Jun 16, 2025 IST
one nation one election   चंडीगढ़ पहुंची ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी  आप व बसपा का विरोध  कांग्रेस को बुलाया नहीं
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दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 जून।
One Nation-One Election : मोदी सरकार के ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के विजन को लेकर बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी ने अपनी वर्किंग तेज कर दी है। सभी राज्यों के राजनीतिक दलों से फीडबैक लेने की कड़ी में सोमवार को न्यू चंडीगढ़ में हरियाणा के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ लम्बी बैठक हुई। सत्तारूढ़ भाजपा खुलकर वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन करती नजर आई, वहीं प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को इस बैठक में आमंत्रित ही नहीं किया गया।

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आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने वन नेशन-वन इलेक्शन का विरोध किया है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) तथा जननायक जनता पार्टी (जजपा) प्रतिनिधियों ने ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी के सामने कई तरह की चिंता जाहिर की। दोनों दलों ने सशर्त वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन किया है। इतना ही नहीं, विपक्षी दलों ने बैठक में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाने की मांग भी बैठक के दौरान उठाई।

भाजपा की ओर से सीएम नायब सिंह सैनी व पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली बैठक में पहुंचे। इस दौरान सीएम ने कहा कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक भारत-श्रेष्ठ भारत की दूरदर्शी सोच का हिस्सा है। यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक सशक्त और समन्वित लोकतंत्र की दिशा में राष्ट्रीय दृष्टिकोण है। हरियाणा सरकार इस पहल का सैद्धांतिक समर्थन करती है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन से देश को बहुआयामी लाभ मिलेंगे।

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इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सांसद पीपी चौधरी, सदस्य भर्तृहरि महताब, ईटी मोहम्मद बशीर, विजय कुमार हांसदा, येर्रम वेंकट सुब्बा रेड्डी, घनश्याम तिवाड़ी, पी़ विल्सन, चंदन चौहान, मनीश तिवारी, अनिल यशवंत देसाई, डॉ के लक्ष्मण, साकेत गोखले, बांसुरी स्वराज और छोटे लाल भी मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि बार-बार चुनाव कराए जाने से विकास कार्य बाधित होते हैं। प्रशासनिक मशीनरी चुनावों में व्यस्त हो जाती है और आम-जन पर इसका सीधा असर पड़ता है।

सीएम ने कहा कि मार्च से जून 2024 तक लोकसभा चुनाव, अगस्त से अक्टूबर तक विधानसभा चुनाव और फरवरी से मार्च 2025 तक नगर निकाय चुनाव हुए। इन सभी चुनावों की आचार संहिता के चलते राज्य में विकास कार्यों की गति प्रभावित रही। प्रशासनिक मशीनरी चुनाव में व्यस्त हो गई, और आमजन को इसका प्रत्यक्ष असर झेलना पड़ा।

'वन नेशन-वन इलेक्शन' न केवल संसाधनों की बचत करेगा बल्कि जनता की भी भावना है कि चुनाव एक साथ हों ताकि समय और धन की बर्बादी रुके। इसलिए 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के विषय पर सभी को एक मत से समर्थन करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि चुनावों की तिथियों का निर्धारण करते समय कृषि कार्यों, त्योहारी सीजन, विवाह सीजन, अवकाश आदि जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए, ताकि मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

इनेलो-जजपा का सशर्त समर्थन
इनेलो की ओर से बैठक में राष्ट्रीय प्रधान महासचिव प्रकाश भारती और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सतबीर सैनी ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी की शर्तें मानी जाती हैं तो इनेलो एक देश-एक चुनाव का करेगी समर्थन। देश और प्रदेश में चुनाव ईवीएम की बजाय बैलट पेपर पर होने चाहिएं। मतदान होते ही उसी दिन वोटों की गिनती होनी चाहिए। चुनावी प्रक्रिया में बड़े सुधार होने चाहिए। वहीं जजपा की ओर से कार्यालय सचिव रणधीर सिंह शामिल हुए। रणधीर सिंह ने मीटिंग में कहा कि जजपा वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन करती है लेकिन इसके लिए पार्टी के कई अहम सुझाव हैं, उन पर अमल करना चाहिए।

आप व बसपा विरोध में
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण जमालपुर ने जेपीसी की बैठक के बाद कहा कि बैठक में ऐसा लगता है भाजपा मन बना चुकी है और देश पर जनविरोधी फैसला एक देश एक चुनाव थोपना चाहती है। जमालपुर ने कहा कि कुमारी मायावती इस बाबत पहले ही पत्र लिखकर अपना जवाब दे चुकी हैं। वन नेशन-वन इलेक्शन पर सवाल उठाते हुए कृष्ण जमालपुर ने कहा- अगर यह इतना ही जरूरी होता तो संविधान निर्माता इसे लागे करते। वहीं आप प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि पार्टी इसके विरोध में है। उन्होंने इस बिल को संघीय ढांचे को कमजोर करने वाला बताते हुए कहा कि यह बिल क्षेत्रीय भावनाओं को कमजोर करेगा। राज्यों के विकास

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