For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

‘एक देश, एक चुनाव’ : विधेयक लाेकसभा में पेश

05:00 AM Dec 18, 2024 IST
‘एक देश  एक चुनाव’   विधेयक लाेकसभा में पेश
कानून मंत्री मेघवाल। फोटो -प्रेट्र
Advertisement

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (एजेंसी)
सरकार ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है तथा देश को तानाशाही की तरफ ले जाने वाला कदम है। विपक्ष की मांग पर सरकार ने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के लिए विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा।
‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘संविधान का 129वां संशोधन विधेयक, 2024’ और उससे जुड़ा ‘केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ लोकसभा में रखा। संविधान संशोधन विधेयक पेश किए जाने के पक्ष में 269, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े। इसके बाद मेघवाल ने सदन की ध्वनिमत से मिली सहमति के बाद दूसरा विधेयक भी पेश किया। विपक्षी दलों के विरोध के बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब मंत्रिमंडल में चर्चा के लिए विधेयक आया था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मंशा जताई थी कि इसे जेपीसी के पास विचार के लिए भेजा जाना चाहिए। भाजपा की सहयोगी तेदेपा और शिवसेना ने विधेयक का समर्थन किया।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक बुनियादी ढांचे पर हमला है और इस सदन के विधायी अधिकार क्षेत्र से परे है। समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने दावा किया, ‘यह संविधान की मूल भावना को खत्म करने का प्रयास है और तानाशाही की तरफ ले जाने वाला कदम है।’ तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा िक यह राज्य विधानसभाओं की स्वायत्तता छीनने का प्रयास है। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि यह क्षेत्रीय दलों को खत्म करने के लिए उठाया गया कदम है।

Advertisement

संविधान और संघवाद के खिलाफ : प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘यह संविधान विरोधी विधेयक है। यह हमारे राष्ट्र के संघवाद के खिलाफ है। हम इसका विरोध कर रहे हैं।’

ध्यान हटाने का प्रयास : उद्धव (Uddhav thackeray)

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागपुर में कहा कि केंद्र का यह कदम देश के प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से पहले पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग की।

Advertisement

राज्यों की शक्तियाें पर असर नहीं : मेघवाल

कानून मंत्री मेघवाल ने कई विपक्षी सदस्यों की इस दलील को खारिज कर दिया कि यह विधेयक संसद की विधायी क्षमता से परे है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 368 संसद को ऐसे संशोधन की शक्ति देता है। उनका कहना था कि संविधान का अनुच्छेद 327 संसद को विधानमंडलों के चुनाव के संदर्भ में अधिकार देता है। मेघवाल ने कहा कि इस विधेयक से न तो संसद की शक्ति कम होती है और न ही राज्य विधानसभाओं की।

Advertisement
Advertisement