एकदा
08:32 AM Mar 04, 2025 IST
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भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौर में सत्याग्रह आंदोलन चल रहा था। पंडित जवाहरलाल नेहरू की वृद्ध माताश्री स्वरूप रानी इलाहाबाद में एक जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं। एकाएक पुलिस बल ने जुलूस की भीड़ पर लाठियों से आक्रमण कर दिया। अन्य सत्याग्रहियों के साथ स्वरूप रानी के सिर पर भी कुछ लाठियां लगीं। सिर से खून बहने लगा। वे बेसुध होकर गिर पड़ीं। पुलिस ने उन्हें उठाकर आनंद भवन पहुंचा दिया। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही स्वरूप रानी पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलने पहुंंचीं। पंडितजी उन दिनों बरेली जेल में बंद थे। अपनी माताश्री स्वरूप रानी के सिर पर लगी चोट के कारण पट्टी बंधी देखी तो उन्हें दुख हुआ। माता स्वरूप रानी ने बेटे को दुखी देखा तो गर्व के साथ बोलीं, 'बेटा जवाहर! चिन्ता मत करो। यह चोट की पट्टी नहीं, यह तो सम्मान का पट्टा है।’
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प्रस्तुति : राजकिशन नैन
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