एकदा
राष्ट्रभक्ति का जुनून
जब डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार नागपुर के एक स्कूल में छात्र थे तो उनके स्कूल में हर दिन की शुरुआत ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार होती थी, जिसमें ब्रिटिश शासकों की प्रशंसा और वफादारी की शपथ दिलाई जाती थी। एक दिन जब प्रार्थना का समय आया और स्कूल के प्राचार्य ब्रिटिश राष्ट्रगान गाने का आदेश देने लगे, तो डॉ. हेडगेवार ने खड़े होकर विरोध जताया। उन्होंने कहा, ‘हम भारतीय हैं और हमें अपने देश से प्रेम करना चाहिए, न कि विदेशी शासकों की सेवा करनी चाहिए। हमें अपने राष्ट्र के प्रति वफादार रहना चाहिए।’ वहां मौजूद शिक्षक और छात्र चौंक गए। डॉ. हेडगेवार ने सभी छात्रों के सामने यह संदेश दिया कि ब्रिटिश शासन की वफादारी करने के बजाय हमें अपने देश की स्वतंत्रता के लिए काम करना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप उन्हें स्कूल से निलंबित कर दिया गया। लेकिन यह घटना उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। उन्होंने आगे चलकर देश की स्वतंत्रता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
प्रस्तुति : देवेन्द्रराज सुथार