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एकदा

08:41 AM Oct 02, 2024 IST
एकदा
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एक भक्त ने एक बार श्री रामकृष्ण परमहंस से एक जटिल प्रश्न किया- ‘यदि संसार में भगवान ही सब कुछ करते हैं तो मनुष्य पाप-पुण्य व अच्छाई-बुराई की दुविधा में क्यों परेशान रहता है। दुनिया में जब सभी कुछ ईश्वर की देन है तो पाप की जवाबदेही भी तो ईश्वर की है?’ भक्त के प्रश्न के जवाब में श्रीरामकृष्ण परमहंस मुस्कुराये और कहा, ‘हकीकत में ऐसा नहीं है। निस्संदेह, दुनिया ईश्वर की बनायी हुई है। अच्छाई-बुराई व पाप-पुण्य भी ईश्वर ने ही निर्धारित किए हैं। लेकिन यदि दुनिया में सिर्फ अच्छा-अच्छा ही होता तो बुराई की पहचान कैसे होती? बुराई से ही अच्छाई का निर्धारण होता है। ऐसे ही यदि अंधेरा न होता तो उजाले का पता कैसे चलता?’

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प्रस्तुति : डॉ. मधुसूदन शर्मा

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