एकदा
प्रेरक कर्मशीलता
एक गांव में भयंकर आग लग गई। आग तेजी से फैलती जा रही थी और गांव वाले अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। एक चिड़िया ने यह दृश्य देखा और अपनी चोंच में पानी भरकर आग बुझाने का प्रयास करने लगी। वह बार-बार अपनी चोंच में पानी लाती और आग पर डाल देती। जब गांव वालों ने चिड़िया को आग पर पानी डालते देखा, तो उनमें भी जोश आ गया और वे बोले, ‘अगर यह चिड़िया प्रयास कर रही है, तो हम क्यों नहीं कर सकते।’ सबने मिलकर प्रयास किया और आग बुझ गई। यह सब एक कौआ देख रहा था। उसने चिड़िया से कहा, ‘तेरे पानी डालने से कुछ हुआ तो नहीं, फिर तू यह क्यों कर रही थी?’ चिड़िया ने उत्तर दिया, ‘मेरे पानी डालने से कुछ हुआ हो या नहीं, लेकिन मुझे गर्व है कि जब भी इस आग की बात होगी, तो मेरी गिनती आग बुझाने वालों में होगी, तेरी तरह तमाशा देखने वालों में नहीं।’
प्रस्तुति : अंकित सोनी