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एकदा

08:20 AM Aug 20, 2024 IST
एकदा

गोस्वामी तुलसीदास रामायण लिखते जाते और शिष्यों को सुनाते जाते थे। हनुमान भी उसे गुप्त रूप से सुनने के लिए आकर बैठते थे। गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा, हनुमान अशोक वन में गये, वहां उन्होंने सफेद फूल देखे। यह सुनते ही हनुमान झट से प्रकट हो गये और बोले, मैंने सफेद फूल नहीं देखे थे। तुमने गलत लिखा है, उसे सुधार दो। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा, मैंने ठीक ही लिखा है। तुमने सफेद फूल ही देखे थे। हनुमान ने कहा, कैसी बात करते हो! मैं स्वयं वहां गया और मैं ही झूठा! अंत में झगड़ा रामचंद्रजी के पास पहुंचा। उन्होंने कहा, फूल तो सफेद ही थे, परंतु हनुमान की आंखें क्रोध से लाल हो रही थीं, इसलिए वे उन्हें लाल दिखाई दिये। प्रस्तुति : अंजु अग्निहोत्री

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