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एकदा

07:43 AM Jul 23, 2024 IST
एकदा
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महाराजा दिलीप अयोध्या के वनों में स्थित ऋषि-मुनियों के आश्रमों में उनके दर्शनार्थ गए तो राजकुमार रघु को अपने साथ ले गए। महाराजा ने प्रत्येक ऋषि के चरण स्पर्श किए। उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया। राजकुमार ने भी चरण-स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। लौटते समय राजकुमार रघु ने रथ में बैठे-बैठे पिता से पूछा, ‘आप राज-काज का काम करने वाले उच्च श्रेष्ठिजनों को भी इतना सम्मान नहीं देते जितना इन बूढ़े साधु-महात्माओं को देते हैं। राज्य के हित में इनका क्या योगदान है?’ महाराजा दिलीप ने उसे समझाते हुए कहा, ‘वत्स, ये ऋषिजन ही तो राज्य के बच्चों तथा किशोरों को अच्छे संस्कार देते हैं। इनकी आदर्श शिक्षाओं तथा आशीर्वाद से ही तो हमारी अयोध्या नगरी सुखी और समृद्ध है।’ राजकुमार रघु ऋषि-मुनियों के महत्व को समझ गए। प्रस्तुति : डॉ. जयभगवान शर्मा

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