एकदा
केंट कलर्स के पिता बचपन से ही खगोल विज्ञान की ढेर सारी पुस्तकें पढ़कर उन्हें सुनाया करते थे। इस तरह केंट को बचपन से ही खगोल विज्ञान में दिलचस्पी उत्पन्न हो गई। उन्होंने मन में ठान लिया कि उन्हें एक बेहतर खगोलशास्त्री बनना है। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें नासा के सर्च फॉर एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट का प्रमुख बना दिया गया। वे रेडियो संकेतों को पकड़ने वाला एक ऐसा साफ्टवेयर तैयार करने में जुट गए जिससे ब्रह्माण्ड में जीवन की उपस्थिति का संकेत मिल सके। एक दिन एक वैज्ञानिक ने जब कैंट कलर्स को देखा तो वे दंग रह गए और बोले, ‘सर, आप ब्रह्माण्ड में जीवन की उपस्थिति की खोज करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं।’ वैज्ञानिक अवाक् होकर केंट को देख रहा था। केंट बोले, ‘ओह, कहीं आप मेरी छोटी-सी परेशानी को देखकर तो ऐसा नहीं बोल रहे। मेरा जन्म समय से पहले हो गया था । इस कारण मुझे बचाने के लिए इनक्यूबेटर में रखा गया जहां पर शुद्ध ऑक्सीजन थी। ऑक्सीजन अधिक होने के कारण मेरा रेटिना नष्ट हो गया, जिस कारण मैं नेत्रहीन हो गया। अब तो मैं आंख वालों से ज्यादा हासिल करने की क्षमता रखता हूं।’ यह सुनकर वैज्ञानिक केंट कलर्स के सामने नतमस्तक हो गया और बोला, ‘सर, आज आपने मुझे यह सिखाया है कि जहां संकल्पों की नींव मजबूत होती है वहां हर बाधा स्वयं ही हार जाती है।’ प्रस्तुति : रेनू सैनी