एकदा
07:11 AM Nov 02, 2023 IST
हजरत मूसा ने एक गरीब भेड़ चराने वाले गड़रिये को प्रार्थना करते सुना, ‘ऐ खुदा आप कहां हैं? मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं। मैं आपके जूते गांठ दूंगा। आपको अपनी बकरियों का दूध पिलाऊंगा।’ मूसा ने तुरन्त भेड़ चराने वाले को इस तरह बात करने पर डांटा। लेकिन तुरन्त खुदा ने मूसा को झिड़का, ‘तुमने मेरे सच्चे सेवक को क्यों भगा दिया?’ खुदा ने पैगम्बर मूसा को धर्म का आधार बताया और कहा, ‘मैं बीमार था तुम मुझे देखने नहीं आए। मैं भूखा था और तुमने मुझे खाना नहीं दिया।’ मूसा ने प्रति प्रश्न किया, ‘खुदा भला बीमार और भूखे कैसे हो सकते हैं?’ खुदा ने पुनः कहा। मेरा फलां बन्दा बीमार था। मेरा फलां बन्दा भूखा था। अगर तुम उनके पास जाते, उनकी मदद करते तो तुम मुझे वहां देख पाते।’ पैगम्बर मूसा की आंखें खुल गईं। वे दीन-दुखियों की सेवा में लग गए।
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प्रस्तुति : यशवन्त कोठारी
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