एकदा
08:01 AM Aug 07, 2023 IST
जीवन और पानी
एक बार दो गांवों के बीच पानी को लेकर विवाद छिड़ गया। दोनों ओर से तलवारें खिंच गई। सौभाग्य से तभी वहां एक संत का आगमन हुआ। उन्होंने पूछा, ‘आप लोग आपस में क्यों झगड़ रहे हो?’ लोगों ने बताया, ‘पानी के लिए।’ संत ने पूछा, ‘पानी का क्या मूल्य है?’ जवाब मिला, ‘कुछ भी नहीं।’ संत ने अगला सवाल किया, ‘क्या वह बिना मूल्य मिल सकता है?’ गांव वालों ने कहा, ‘पानी बिना मूल्य ही मिलता है।’ तब संत ने पूछा, ‘मनुष्य के जीवन का क्या मूल्य है?’ दोनों ओर से उत्तर मिला, ‘वह तो आंका ही नहीं जा सकता। जीवन अनमोल है।’ संत ने कहा, ‘तब क्या वह अनमोल जीवन साधारण पानी के लिए नष्ट करना उचित है?’ संत की दलील सुन सभी चुप हो गए। तब संत ने कहा, ‘वैरभाव रहित होकर जीना ही सबसे बड़ा कौशल है।’ प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी
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