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मान सरकार की याचिका पर चंडीगढ़ में सीएम आवास रोड खोलने के आदेश पर रोक

07:04 AM May 04, 2024 IST
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सत्य प्रकाश/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 3 मई
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के सामने की सड़क को जनता के लिए फिर से खोलने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को रोक लगा दी।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका पर नोटिस भी जारी किया। मामले में आगे की सुनवाई सितंबर में होगी। पीठ ने कहा, ‘परीक्षण के आधार पर सड़क खोलने के निर्देश पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है।’ शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई की।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने पिछले सप्ताह यातायात को कम करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास के सामने सभी कार्य दिवसों पर सुबह 7 बजे से प्रतिदिन 12 घंटे के लिए सड़क को फिर से खोलने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि 1980 के दशक में आतंकवाद के दौरान सड़क बंद कर दी गई थी और तब से चीजों में बड़ा बदलाव आया है। शीर्ष अदालत का उक्त आदेश तब आया जब पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के सामने सड़क जो आतंकवाद के कारण 1980 के दशक से बंद है, को फिर से खोलने से सुरक्षा को खतरा होगा।
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पंजाब सरकार की दलीलों का समर्थन किया और शीर्ष अदालत से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया। तमाम दलीलों के बाद सॉलिसिटर जनरल और पंजाब सरकार दोनों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वे मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठा सकते। इसके बाद शीर्ष अदालत हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने पर सहमत हो गई।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को सुखना झील को चंडीगढ़ के नयागांव से जोड़ने वाली 500 मीटर की सड़क को प्रयोग के आधार पर एक मई से खोलने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को सड़क के लिए यातायात प्रबंधन योजना तैयार करने के लिए यातायात विशेषज्ञों को भी इसमें शामिल करने का निर्देश दिया था। सड़क को कार्य दिवसों पर सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खोला जाना था। सड़क बंद होने की वजह से नयागांव और सुखना झील के बीच यात्रा करने वाले लोगों को शहर के निकटवर्ती सेक्टरों से होकर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।

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