ग्रामीणों की तर्ज पर शहरी नागरिकों के पानी के बिल भी हों माफ
जींद (जुलाना), 6 जनवरी (हप्र)
जिलाभर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि ग्रामीणों की तर्ज पर शहरी नागरिकों के पानी के बिल भी माफ हाने चाहिए। संगठनों के प्रतिनिधियों नेकहा कि हरियाणा के ग्रामीण आंचल में रहने वाले लगभ 29 लाख लोगों के 372 करोड़ रुपये के पानी के बिल माफ करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है,जो स्वागत योग्य है। लेकिन पेयजल के मामले में ग्रामीण और शहरी में बांटकर नागरिकों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
अग्रवाल समाज संगठन के प्रधान राजकुमार गोयल, रिटायर्ड कर्मचारी एसो. के प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार वर्मा, अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ जिला युवा प्रधान राजेन्द्र सोनी, राधेश्याम सोनी, जयनारायण भारद्वाज,भलेराम बूरा आदि ने कहा कि पानी के बिल माफ करना यद्यपि यह एक अच्छा कदम है लेकिन शहरी क्षेत्र की जनता का क्या कसूर है। उन्होंने कहा कि टैक्स तो शहरी जनता भी देती है। निर्वाचित जन प्रतिनिधि को शहरी व ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों की जनता की वोट मिलती हैं तो फिर ग्रामीण और शहरी के आधार पर जनता में भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्र की जनता के भी पानी के बिल माफ होने चाहिए।