साझा विरासत के रक्षक सर छोटूराम की जयंती पर उनके योगदानों को किया याद
रोहतक, 24 नवंबर (निस)
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज अगर किसान अपनी जमीन का मालिक है, तो इसका श्रेय चौधरी छोटूराम को जाता है। उन्होंने किसानों और मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ते हुए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ साहस दिखाया। रविवार को दीनबंधु छोटूराम म्यूजियम में आयोजित उनकी जयंती के कार्यक्रम में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चौधरी छोटूराम ने गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938 से किसानों को जमीन के अधिकार दिलाए।
उन्होंने बताया कि चौधरी छोटूराम की प्रेरणा से ही भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने कर्ज न चुका पाने वाले किसानों की जमीन नीलामी वाले काले कानून को समाप्त किया। किसानों के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने राजनीति, धर्म और जात-पात से ऊपर उठकर कार्य किया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को फिर से गरीबी में धकेलने का काम कर रही है। किसान आंदोलन में 750 किसानों की जान गई, लेकिन उनकी कुर्बानी रंग लाई और कृषि कानून रद्द हुए। महाराष्ट्र चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने भाजपा पर धनबल और प्रशासनिक दबाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष पर हुड्डा ने कहा कि इसका फैसला हाईकमान करेगा।
सर छोटूराम को भारत रत्न देने की मांग
रेवाड़ी (हप्र) : सर छोटूराम की जयंती के अवसर पर रविवार को बावल के सर छोटूराम चौक पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता डॉ. एम.एल. रंगा ने कहा कि सर छोटूराम ने किसानों को समृद्ध बनाने के लिए ऐतिहासिक प्रयास किए और उनकी समस्याओं को समझते हुए उन्हें न्याय दिलाया। उन्होंने मांग की कि ऐसे किसान हितैषी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। किसान नेता रामकिशन महलावत ने कहा कि छोटूराम के योगदान को पूरा देश याद करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि यदि वे किसानों के सच्चे हितैषी हैं, तो सर छोटूराम को भारत रत्न देने की घोषणा करें। इस अवसर पर महेंद्र ककरावत, पूर्व सरपंच सुमेर बनीपुर, नवीन सहलोत, रणसिंह लौर, हंसराज, सरपंच मंशाराम, सूरत सिंह, भीम सिंह, महेंद्र, कश्मीर सिंह, जयपाल रुद्ध, धर्मबीर रालियावास आदि मौजूद थे।
चौधरी छोटूराम ने शिक्षा से समाज को जोड़ा
रोहतक (हप्र) : रहबर-ए-आजम चौधरी छोटूराम ने अंधविश्वास मिटाने और किसानों, गरीबों व लाचारों को उनका हक दिलाने के लिए शिक्षा को सबसे बड़ा साधन माना। जाट शिक्षण संस्था के प्रधान गुलाब सिंह दिमाना ने यह बात उनके 143वें जन्मोत्सव पर समाधि स्थल जाट स्कूल में हवन यज्ञ के दौरान कही। कार्यक्रम में सर्वजन कल्याण के लिए आहुति दी गई। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारियों, शिक्षकों, प्राचार्यों और सर छोटूराम के अनुयायियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने उनके योगदान को सराहा और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प लिया।