डेंटल सर्जन भर्ती में ओएमआर शीट के साथ हुई छेड़छाड़
चंडीगढ़, 9 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा घोटाले में ईडी की एफआईआर ने कई बड़े खुलासे किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंचकूला की अदालत में दायर रिपोर्ट में कहा है कि डेंटल भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीटों में छेड़छाड़ की गई थी। ईडी का यह केस हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो द्वारा 17 नवंबर, 2021 को अनिल नागर, शर्मा और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है।
इस मामले में कुल 3.30 करोड़ रुपए बरामद किए गए, इसमें से 1.08 करोड़ रुपए एचपीएससी कार्यालय में अनिल नागर के कमरे से बरामद किए गए। नागर के दोस्त आशीष कुमार और उनके पिता सतीश गर्ग के आवास से 66 लाख रुपये बरामद किए गए, जबकि अन्य 1.44 करोड़ रुपये (नागर के) आशीष ने सरेंडर कर दिए, ईडी ने कहा। इसमें कहा गया कि नागर के घर से 12 लाख रुपये और बरामद किए गए। शर्मा की कंपनी मैसर्स पारू डेटा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को एचपीएससी से ओएमआर शीट स्कैन करने का ठेका मिला था। 18 नवंबर, 2021 को उनकी गिरफ्तारी पर, सतर्कता ब्यूरो ने उनसे नागर से संपर्क कराया और उन्हें बताया कि वह एक स्कैनिंग मशीन लाए थे। वह नागर के कार्यालय में आया और ट्रॉली बैग छोड़ गया। बैग नकदी से भरा था। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने नागर के दफ्तर पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ईडी ने एक फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा के लिए 13 नवंबर, 2021 में आयोजित हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 15 उम्मीदवारों की ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट के साथ छेड़छाड़ की गई थी। हरियाणा एचपीएससी घोटाले में दायर अपनी चार्जशीट में कहा कि पूर्व उप-सचिव अनिल नागर और उनके एक बिचौलिए, अश्विनी शर्मा, द्वारा छोड़े गए खाली सर्कल को भरते थे। अभ्यर्थियों के पास ओएमआर शीट की मूल और कार्बन कॉपी है।