ओम बिरला ध्वनिमत से चुने गए लोकसभा अध्यक्ष, मोदी, राहुल ले गए आसन तक
नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा)
Om Birla: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अध्यक्ष पद के लिए बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को प्रोटेम स्पीकर (कार्यवाहक अध्यक्ष) भर्तृहरि महताब ने सदन में मतदान के लिए रखा और इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।
इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष महताब ने बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू बिरला को अध्यक्षीय आसन तक लेकर गए। जब बिरला ने अध्यक्षीय आसन ग्रहण किया तो मोदी, राहुल गांधी और रीजीजू ने उन्हें बधाई और शुभकामना दी।
लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले भाजपा के पहले नेता बने ओम बिरला
बिरला बुधवार को फिर से लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद, पिछले दो दशक से अधिक समय में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले नेता बन गये। इसी के साथ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में संसद के इस प्रतिष्ठित पद पर लगातार दो बार निर्वाचित होने वाले वह पहले नेता बन गये हैं।
लोकसभा में विपक्ष द्वारा मत विभाजन पर जोर नहीं दिये जाने के कारण बिरला को दोबारा इस पद पर ध्वनिमत से निर्वाचित घोषित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के समय आसन पर कार्यवाहक अध्यक्ष भर्तृहरि महताब आसीन थे तथा बिरला को निर्वाचित घोषित किए जाने के बाद उन्होंने भाजपा नेता को आसन सौंप दिया।
हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में बिरला कोटा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। कांग्रेस ने उनके सामने भाजपा से आए प्रहलाद गुंजल को खड़ा किया था। बिरला ने गुंजल को 41 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर कोटा लोकसभा सीट फिर जीती।
बिरला को मंगलवार को राजग की तरफ से सर्वसम्मति से पुन: लोकसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया गया था। दोबारा इस पद पर निर्वाचित होने के बाद दो दशक से अधिक समय में वह इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति बन गये हैं।
भाजपा में उनसे पहले सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं। किंतु इस पद पर लगातार दोबारा निर्वाचित होने वाले बिरला पार्टी के पहले नेता हैं। बिरला को पर्दे के पीछे रहकर संगठन के लिए काम करने वाला नेता माना जाता है।
उन्होंने साल 1991 से 2003 तक भाजपा की युवा शाखा के लिए काम किया और इस दौरान भाजपा के आम कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं के संपर्क में आए। 2019 में सबको चौंकाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया।
बिरला पहले ऐसे लोकसभा अध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल में कोई लोकसभा उपाध्यक्ष नहीं चुना गया। बिरला के नाम संसद के पुराने और नये दोनों भवनों में लोकसभा की अध्यक्षता करने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।
सत्रहवीं लोकसभा में उनके अध्यक्ष रहने के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित किए जाने और बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किए जाने के कारण भी उनका कार्यकाल सुर्खियों में रहा था।
सत्रहवीं लोकसभा के दौरान ही 2023 में नयी संसद का उद्घाटन हुआ और नये लोकसभा कक्ष में बिरला ने अध्यक्ष के रूप में निचले सदन की कार्यवाही का संचालन किया। उनके पिछले कार्यकाल में संसद में अनुच्छेद 370 समाप्त होने, नागरिकता संशोधन कानून लागू होने, तीन आपराधिक कानून लागू होने समेत अनेक महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हुए।
बासठ वर्षीय बिरला के लिए कोटा जन्मभूमि व कर्मभूमि दोनों रही है। उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी कॉम तथा एम कॉम किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 17वीं लोकसभा की अंतिम बैठक में बिरला की प्रशंसा करते हुए कहा था कि उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है। आज भी उन्होंने कहा कि बिरला की मीठी-मीठी मुस्कान पूरे सदन को प्रसन्न रखती है।
लोकसभा अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए नेताओं का कार्यकाल
राजस्थान के कोटा से निर्वाचित भाजपा सांसद ओम बिरला को बुधवार को दोबारा लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। इससे पूर्व संसद के निचले सदन में अध्यक्ष पद पर जो नेता निर्वाचित हो चुके हैं, उनकी सूची और कार्यकाल इस प्रकार है:-
संसद की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार लोकसभा के पहले अध्यक्ष जी वी मावलंकर थे, जिनका कार्यकाल 15 मई 1952 से लेकर 27 फरवरी 1956 तक था।
इसके उपरांत एम ए अयंगार लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वह पहले 08 मार्च 1956 से 10 मई 1957 तक और फिर 11 मई 1957 से 16 अप्रैल 1962 तक इस पद पर रहे।
तीसरे लोकसभा अध्यक्ष सरदार हुकुम सिंह ने 17 अप्रैल 1962 से 16 मार्च 1967 यह दायित्व संभाला।
इसके बाद नीलम संजीव रेड्डी लोकसभा अध्यक्ष बने और उन्होंने पहले 17 मार्च 1967 से 19 जुलाई 1969 तथा उसके बाद 26 मार्च 1977 से 13 जुलाई 1977 तक इस पद का दायित्व संभाला।
रेड्डी के पहले कार्यकाल के उपरांत जी एस ढिल्लों लोकसभा अध्यक्ष बने। उन्होंने पहले 08 अगस्त 1969 से 17 मार्च 1971 तक और फिर 22 मार्च 1971 से 01 दिसंबर 1975 तक यह दायित्व संभाला।
अगले लोकसभा अध्यक्ष बलिराम भगत इस पद पर 15 जनवरी 1976 से 25 मार्च 1977 तक रहे। के एस हेगड़े ने 21 जुलाई 1977 से 21 जनवरी 1980 तक इस पद को संभाला। बलराम जाखड़ लगातार दो बार लोकसभा अध्यक्ष बने।
उन्होंने पहले 22 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1985 तक और फिर 16 जनवरी 1985 से 18 दिसंबर 1989 तक इस पद का दायित्व संभाला।
जाखड़ के उपरांत रबि रे लोकसभा अध्यक्ष बने और उनका कार्यकाल 19 दिसंबर 1989 से 09 जुलाई 1991 तक रहा। इसके बाद शिवराज पाटिल इस पद पर आसीन हुए और उनका कार्यकाल 10 जुलाई 1991 से 22 मई 1996 तक रहा।
पाटिल के बाद पी ए संगमा अगले लोकसभा अध्यक्ष बने और उन्होंने 23 मई 1996 से 23 मार्च 1998 तक यह दायित्व संभाला।
इसके उपरांत सी एम बालयोगी लगातार दो बार इस पद के लिए निर्वाचित हुए किंतु एक दुर्घटना में उनका असमय निधन होने के कारण वह अपना दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
बालयोगी ने पहले 24 मार्च 1998 से 19 अक्तूबर 1999 तक और फिर 22 अक्तूबर 1999 से 03 मार्च 2002 तक यह दायित्व संभाला।
बालयोगी के बाद शिवसेना नेता मनोहर जोशी लोकसभा अध्यक्ष बने जिनका कार्यकाल 10 मई 2002 से 02 जून 2004 तक रहा।
इसके उपरांत वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष बने और उन्होंने 04 जून 2004 से 31 मई 2009 तक इस पद का दायित्व संभाला।
चटर्जी के बाद देश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार बनीं जिनका कार्यकाल 4 जून 2009 से 4 जून 2014 रहा। दिलचस्प है कि मीरा कुमार के बाद लोकसभा अध्यक्ष का पद फिर एक महिला नेत्री सुमित्रा महाजन ने संभाला।
वह इस पद पर 6 जून 2014 से 17 जून 2019 तक रहीं। महाजन के बाद ओम बिरला इस पद पर 19 जून 2019 को पहली बार निर्वाचित हुए और उनका पहला कार्यकाल 24 जून 2024 तक रहा।
बिरला को आज ही दोबारा ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित किया गया।