मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Old Pension Scheme: केंद्रीय वित्त सचिव ने कहा, पुरानी पेंशन व्यवस्था अब मुमकिन नहीं

03:20 PM Jul 26, 2024 IST
सांकेतिक फाइल फोटो।

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा)

Advertisement

Old Pension Scheme: केंद्रीय  वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था अब वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है और इसे लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एनपीएस (नई पेंशन प्रणाली) को लेकर कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से कुछ सार्थक बातचीत हुई है।

सोमनाथन ने कहा कि सरकार देश में युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से उन्हें कंपनियों में प्रशिक्षण देने की सुविधा के अलावा 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को आधुनिक रूप भी देगी। सोमनाथन ने ‘पीटीआई-भाषा' से विशेष बातचीत में कहा, ‘‘एनपीएस पर बनी समिति का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। हमने इस बारे में कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से बातचीत की है। इसमें कुछ प्रगति हुई है।''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘ कर्मचारियों की कुछ चिंताएं हैं। पहला, उनका कहना है कि यह नई योजना है। एनपीएस शेयर बाजार से जुड़ा है, हमें उतार-चढ़ाव नहीं चाहिए। उनका कहना है कि यह स्पष्ट हो कि कितनी पेंशन मिलेगी। दूसरा, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद जो भी पेंशन मिले उसमें महंगाई से निपटने का भी कुछ प्रावधान यानी डीए (महंगाई भत्ता) जैसी कोई व्यवस्था चाहिए। ऐसा नहीं होने पर पेंशन का वास्तविक मूल्य घटता जाएगा।

तीसरा, अगर किसी ने पूरी नौकरी यानी 30 साल तक काम नहीं किया है, उसके लिए कुछ न्यूनतम पेंशन तय की जाए। ये ऐसे मामले हैं, जिस पर हमें निर्णय लेना है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक बात बिल्कुल साफ है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है। पुरानी पेंशन लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं।''

वित्त मंत्रालय ने पिछले साल सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में जरूरत के हिसाब से बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था। एक सवाल के जवाब में सोमनाथन ने कहा, ‘‘बजट में महत्वपूर्ण रोजगार पर जोर देना है। एक तरफ जहां वित्तीय सहायता के जरिये रोजगार सृजन पर जोर है वहीं दूसरी तरफ रोजगार गहन क्षेत्र एमएसएमई और कौशल विकास के लिए कदम उठाये गये हैं। कौशल विकास के तहत हम देश में युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से उन्हें कंपनियों में प्रशिक्षण देने की सुविधा के अलावा 1,000 आईटीआई को आधुनिक बनाएंगे।''

इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कौशल विकास के तहत केंद्र, राज्य और उद्योग के सहयोग से आईटीआई को आधुनिक रूप दिया जाएगा। उद्योग में जो आधुनिक मशीनरी, कामकाज का तरीका है उसे आईटीआई में शामिल किया जाएगा। अच्छे प्रशिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा। इसका मकसद बेहतर प्रशिक्षण देना है।''

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह मंगलवार को पेश बजट में संगठित क्षेत्र में आने वाले नये कामगारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के जरिये तीन योजनाओं की घोषणा की। रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से लाई गईं इन योजनाओं के लिए कुल 1.07 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है। इससे अगले पांच साल में 2.90 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

इसके अलावा, एक करोड़ युवाओं को कंपनियों में प्रशिक्षण और 20 लाख को आईआईटी में प्रशिक्षण देने की भी घोषणा की गयी है। बजट में नई पीढ़ी के सुधारों और राज्यों के सहयोग से जुड़े सवाल के जवाब में वित्त सचिव ने कहा, ‘‘ सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा राजकोषीय उपायों के जरिये उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।''

आर्थिक समीक्षा में खाद्य मंहगाई को मौद्रिक नीति से अलग करने के बारे में पूछे जाने पर सोमनाथन ने कहा, ‘‘यह सोचने वाली बात है। इस पर अर्थशास्त्रियों की अलग-अलग राय हैं। इस पर चर्चा की जा सकती है।''

इसी सप्ताह पेश आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि खाद्य पदार्थों को छोड़कर, महंगाई का लक्ष्य तय करने पर विचार किया जाना चाहिए। प्राय: खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतें मांग के बजाय आपूर्ति की समस्या के कारण होती हैं। उल्लेखनीय है कि आरबीआई मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर विचार करता है।

खाद्य महंगाई ऊंची होने से नीतिगत दर में पिछले साल अप्रैल से कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में सोमनाथन ने कहा, ‘‘बजट में सभी का ध्यान रखा गया है। मुझे नहीं लगता बहुत लोग इससे नाराज हैं। कुछ हो सकते हैं। हर बजट में कुछ प्राथमिकताएं होती हैं, इसमें भी वही हैं। इसमें सभी का ध्यान रखा गया है।''

उन्होंने कहा कि बजट में ‘विकसित भारत' के लिए रोजगार सृजन के साथ-साथ पूंजीगत निवेश और राजकोषीय सूझ-बूझ के साथ नवोन्मेष, अनुसंधान एवं विकास तथा उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए कदम उठाए गये हैं।

Advertisement
Tags :
Hindi NewsNPSOld Pension SchemePension SchemeTV Somanathanएनपीएसटीवी सोमनाथनपुरानी पेंशन योजनापेंशन योजनाहिंदी समाचार