नेशनल हाईवे सहित सभी जल स्त्रोतों के आसपास डंपिंग रोकने के ठोस उपाय करें अधिकारी
शिमला, 17 जून (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सभी जल स्त्रोतों के आसपास कूड़े-कचरे की डंपिंग रोकने के ठोस उपाय करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने शहरी विकास विभाग के सचिव को प्रदेश की 3226 ग्राम पंचायतों के सचिवों सहित सभी नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और संबंधित जिलाधीशों के साथ मीटिंग कर उत्पादित ठोस कचरे के उचित प्रबंधन पर विचार करने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने ठोस कचरे के प्रबंधन के साथ-साथ दोषियों को दंडित करने के लिए उपलब्ध कानूनों का प्रयोग करने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने सभी सचिवों को 12 अगस्त तक अपने जवाब दायर करने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने नदियों, नालों तथा झरनों में कूड़े कचरे की डंपिंग पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद कचरे की डंपिंग संबंधी मामले अक्सर आते रहते हैं। इस मामले में कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को आदेश दिए थे कि वे ठोस और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्र करें और निर्दिष्ट वाहनों को लगाकर अलग-अलग ठिकाने तक पहुंचाएं।
कोर्ट ने अपने आदेशों के अनुपालन की जिम्मेदारी संबंधित आयुक्तों, नगर निगमों के सचिवों, नगर पालिका, परिषदों के कार्यपालक अधिकारियों एवं नगर पंचायतों के सचिवों पर डाली थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को बिलासपुर, घुमारवीं, चुवाड़ी, बंजार, चौपाल, नेरवा, रोहड़ू, ठियोग, आनी, शाहपुर, चिड़गांव और अम्ब में कूड़ा निस्तारण संयंत्र स्थापित करने अथवा डंप करने के लिए चयनित स्थानों से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार की ओर से विशेष हिदायत पेश करने के आदेश भी दिए थे।