जान जोखिम में डाल पराली में लगी आग बुझा रहे अधिकारी
करनाल, 26 अक्तूबर (हप्र)
आबोहवा जहरीली हो चुकी है, लोगों को सांस लेने के लिए शुद्ध हवा तक नसीब नहीं हो रही। जहरीली धुंध से जनता को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त हो चुका है। नतीजन पूरा प्रशासन पूरे अमले के साथ दिन-रात गांव दर गांव खेतों में खाक छान रहा है। अगर आग लगने की सूचना मिलती है तो अधिकारियों, कर्मचारियों की टीमें तुरंत ही मौके पर पहुंच जाती हैं। प्राथमिकता आग पर काबू पाने की होती है, अधिकारी तुरंत ही पराली में लगी आग को बुझाने में जुट जाते हैं।
शुक्रवार देर शाम प्यौंत गांव में एमडी शुगर मिल हितेंद्र कुमार के नेतृत्व में आईएएस (एसीयूटी) योगेश सैनी, सीटीएम शुभम, फायर ब्रिगेड अधिकारी और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने पराली में लगी आग को कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया। जो यह बताने के लिए काफी है कि अधिकारी किस हद तक दबाव में हैं कि किसी भी हालत में फसल अवशेषों में आग न लग सके। लोगों का रात के समय सांस लेना काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि काफी किसान रात के समय ही पराली में आग लगाते हैं। उन्हें पता होता है कि दिन में आग लगाएंगे तो अधिकारी आ जाएंगे और चालान और केस दर्ज हो जाएगा। इसी से बचने के लिए ज्यादातर किसान रात के समय ही फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं, यही वजह है कि दिन के बजाय रात के समय आग लगाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इन पर सख्ती से कंट्रोल करने के लिए पूरा प्रशासन अमले के साथ रात के समय भी खेतों में डटा हुआ है।
असंध में गोदाम किया चैक : असंध में प्रशासन की टीम ने एक गोदाम को चैक किया। सूचना थी कि गोदाम में बम-पटाखे रखे हुए हैं। चैकिंग के दौरान गोदाम में ऐसा कुछ नहीं मिला। एक अन्य जगह पर छापेमारी के दौरान दुकान में बेचने के लिए रखे गए बम-पटाखे मिले, जिन पर पानी डालकर नष्ट कर दिया गया है।