PGI चंडीगढ़ में राजभाषा समारोह, देश को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रही है हिंदी : पंकज राय
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 दिसंबर
PGI चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआई) में आज राजभाषा समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार की राजभाषा नीति को कार्मिकों और अधिकारियों के बीच समझाना और संस्थान में उसके प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा करना था। समारोह की अध्यक्षता पीजीआई के उप-निदेशक (प्रशासन) पंकज राय ने की। इस मौके पर पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल भी मौजूद रहे।
PGI उद्घाटन सत्र में पंकज राय ने भारतीय समाज की विविधता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की एकता में राजभाषा हिंदी का महत्वपूर्ण योगदान है। विविधताओं से भरे इस देश में हिंदी देशवासियों को एक सूत्र में बांधने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। किसी भी देश का विकास तभी संभव है जब उसके लोग अपनी मातृभाषा में सोचें और काम करें। विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए हमें लोगों को स्वस्थ रखना और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाना है। हिंदी हमारे लिए सिर्फ एक दायित्व नहीं है, बल्कि यह देश की धड़कन से जुड़ने का एक सरल और प्रभावी माध्यम भी है।
हिंदी का प्रयोग मरीजों के लिए होगा मददगार
PGI पंकज राय ने कहा कि पीजीआई में हिंदी का प्रयोग रोगियों के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है। जब हम हिंदी में बात करते हैं, तो इससे उनके तनाव में कमी आती है और उनके साथ हमारा संबंध मजबूत होता है।
सभी कंप्यूटरों में हिंदी फॉन्ट्स की सुविधा दी
PGI संस्थान में कार्यरत अधिकांश कार्मिकों को हिंदी टाइपिंग और शब्दकोश की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा, पीजीआई के सभी कंप्यूटरों में हिंदी फॉन्ट्स की सुविधा भी उपलब्ध है। पंकज राय ने सभी से अपील की कि वे राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन में योगदान दें और अपने दैनिक कार्यों में अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करें। इस अवसर पर हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं और राजभाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित कार्मिकों में डॉ. रजनी शर्मा, संजय कुमार, राजेश सक्सैना, अजय कुमार कायत और रजत कुमार शामिल थे।
समारोह के अंत में डॉ. पंकज अनेजा, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे राजभाषा हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करें और दूसरों को भी प्रेरित करें, ताकि हिंदी का प्रचार और प्रसार हो सके।